राज्यपाल कोटे से मनोनीत सभी दस सदस्य जदयू के हैं। इन सभी का कार्यकाल पूरा हो गया। राज्यपाल ने 12 जदयू सदस्यों का मनोनयन किया था। इनमें राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और 2018 में मनोनीत लोजपा के पशुपति पारस अब लोकसभा के सदस्य हैं। अब राज्यपाल के मनोनयन के बाद जदयू बड़ी पार्टी बन पाएगी। फिलहाल भाजपा 17+1 निर्दलीय अभी बड़ी पार्टी बन गई है।
सदन में विधानसभा कोटे की नौ सीटों पर चुनाव लंबित है। इनमें से तीन जदयू, दो भाजपा, तीन आरजेडी और एक कांग्रेस के हिस्से जाना तय हो गया है। इसी तरह शिक्षक-स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की आठ में से भाजपा-जदयू और सीपीआई को दो दो जबकि कांग्रेस और निर्दलीय के खाते में एक एक जाना तय माना जा रहा है। स्नातक क्षेत्र से सूचना एवं जन संपर्क मंत्री तथा भवन निर्माण मंत्री विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचन की प्रतीक्षा में हैं। राज्यपाल के मनोनयन वाली सीटों पर एनडीए के सहयोगी दलों के बीच बंटवारे का पुराना फॉर्मूला मानना तय कहा जा रहा है। इस तरह भाजपा और लोजपा को भी अनुपात में सीटें मिलेंगी। राज्यपाल से मनोनीत सीटों के आधार पर ही जदयू सदन में बड़ी पार्टी बन पाएगी।