ग्राम तिरियाभाठ निवासी योगेश और दीपाली ने बताया कि दोनों की सफलता का राज कठिन परिश्रम है। सरकारी नौकरी होने के बावजूद दीपाली अपने कॅरियर को ऊंची उड़ान देना चाहती थी। इसलिए उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान टाइम मैनेजमेंट करके पढ़ाई की। रोजाना 4 से 5 घंटे पढ़ाई दिनचर्या में शामिल था। जिसका परिणाम आज सबके सामने है। सीजी पीएससी में 32 वां रैंक हासिल करने वाले योगेश ने बताया कि जॉब के दौरान पढऩा थोड़ा मुश्किल था, फिर भी तैयारी में जुटे रहे। कई साल की कड़ी मेहनत के बाद सपना सच हुआ है। दोनों भाई-बहन ने कहा कि चयन नहीं होने पर या पीछे रैंक आने पर निराश होने की बजाय मन लगाकर पढ़ाई कीजिए सफलता जरूर मिलेगी।
भिलाई की सृष्टि देवांगन ने सीजीपीएससी में पांचवां रैंक हासिल किया। सेक्टर 8 निवासी सृष्टि, बीएसपी कर्मी दीनदयाल और गायत्री देवांगन की बेटी है। सृष्टि ने बताया कि इससे पहले 2017 में वह इंटरव्यू तक पहुंची थी और उसका 366 रैंक आया था। उसे कोई पोस्ट नहीं मिल पाई थी। अब सृष्टि अकाउंट ऑफिसर के रूप में अपनी सेवाएं देंगी।
सीजी पीएससी में पांचवां रैंक हासिल करने वाली सृष्टि ने बताया कि भारत, छत्तीसगढ़ के साथ ही इंटरनेशनल जीके की नॉलेज भी बहुत जरूरी है। इंटरव्यू के दौरान उससे भारत-पाक संबंध और यूके और ईरान के मौजूदा हालात पर भी प्रश्न पूछे गए। वहीं इलेक्ट्रीकल इंजीनियर होने की वजह से उससे सौर ऊर्जा पर आधारित प्रश्नों सहित चीफ डिफेंस शॉप के बारे में भी पूछा गया।