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बेमेतरा

मायूस सरपंचों को सता रही गर्मी में पेयजल संकट से निपटने की चिंता

14वें वित्त की राशि लेने के बाद खोखली हुईं पंचायतें, सरकार से वैकल्पिक व्यवस्था करने की पंचायत प्रतिनिधि कर रहे मांग

बेमेतराJan 17, 2018 / 11:53 pm

Satya Narayan Shukla

water crisis in summer
दाढ़ी . ग्राम पंचायतों के बुनियादी सुविधा एवं विकास के लिए शासन से मिलने वाली 14 वें वित्त आयोग योजना की राशि का 70 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा मोबाइल टॉवर विस्तारीकरण, क्षमता में वृद्धि व संधारण के लिए वापस ले लिया गया है। इससे सरपंचों में मायूसी छाई हुई है। विदित हो कि हर साल मिलने वाली 14 वें वित्त आयोग योजना की राशि से पंचायतों द्वारा कार्य योजना व बजट तैयार कर जनपद पंचायत को भेजा जाता है। राशि का उपयोग गांव में पेयजल व्यवस्था, हैंडपंप व मोटरपंप सुधार व क्रय, बोरखनन, तालाब व गली की सफाई, वृक्षारोपण, नाली निर्माण, सड़क संधारण, शौचालय निर्माण, आंगनबाडिय़ों व स्कूलों का विद्युतीकरण, कौशल उन्नयन आदि कार्य किया जाता है। अब 70 फीसदी राशि वापस लेने के बाद उक्त कार्य ठप हो जाएंगे। इसी वजह से सरपंचों में मायूसी है। सरपंचों को आने वाले दिनों में गर्मी में पेयजल संकट से निपटने की चिंता सता रही है।
मुश्किल हो जाएगा पंचायत का संचालन
ग्राम पंचायत दाढ़ी के उपसरपंच राजेंद्र तिवारी, पचभैया सरपंच राकेश साहू, गिधवा सरपंच सूरज साहू, कोदवा सरपंच जयंत वर्मा ने बताया कि राज्य शासन के आदेशानुसार 70 फीसदी राशि लौटा दी गई है। अब पंचायत स्तर की छोटी-बड़ी मुलभूत आवश्यकता एवं सुविधाओं के निर्वहन की समस्या खड़ी हो गई है। पंचायत का संचालन करना मुश्किल हो रहा है। गर्मी में जलसंकट से निपटना बड़ी चुनौती होगी। प्रदेश किसान कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि ग्राम पंचायतों की बुनियादी सुविधाओं एवं विकास के लिए मिलने वाले 14वें वित्त की राशि का 70 फीसदी वापस लिए जाने से पंचायतें खोखली हो गई है। ऐसे में सरपंचों के द्वारा पंचायत कार्यों का संपादन करना मुश्किल हो रहा है।
पंचायती राज में पहली बार हो रहा
सरपंचों का कहना है कि पंचायतीराज में ऐसा पहली बार हो रहा है। सरपंचों का आरोप है कि इससे सरकार आगामी चुनाव के लिए पैसा इकट्ठा कर रहा है। सरपंचों में शासन के विरोध में नाराजगी स्पष्ट होने लगा है। जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष राजेशदत्त दुबे ने बताया कि 14 वें वित्त की 70 फीसदी राशि राज्य शासन को लौटाने के बाद पंचायत स्तर की समस्याओं का निराकरण और विकास कार्यों का क्रियान्वयन संभव नहीं है। पंचायत के उक्त कार्यों के क्रियान्वयन के लिए सरकार को अतिशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए।

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