संजीवनी १०८ के पूर्व प्रबंधक दो घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा शव
संजीवनी १०८ के पूर्व प्रबंधक की मंगलवार रात जहर खाने से मौत हो गई। पूर्व प्रबंधक को एक सितंबर से कंपनी ने काम से बंद कर दिया था,जिसकी वजह से तनाव में था। ग्राम सांवलमेंढा के पास कुछ लोगों ने पूर्व प्रबंधक को पड़ा हुआ देखा तो भैंसदेही अस्पताल भिजवाया था।
Two hours before the manager was lying with the village Sanwalmendha
बैतूल/सांवलमेंढा। संजीवनी १०८ के पूर्व प्रबंधक की मंगलवार रात जहर खाने से मौत हो गई। पूर्व प्रबंधक को एक सितंबर से कंपनी ने काम से बंद कर दिया था,जिसकी वजह से तनाव में था। ग्राम सांवलमेंढा के पास कुछ लोगों ने पूर्व प्रबंधक को पड़ा हुआ देखा तो भैंसदेही अस्पताल भिजवाया था। पूर्व प्रबंधक की रास्ते में ही मौत हो गई। बुधवार सुबह शव का जिला अस्पताल में पीएम कराया गया हैै। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है।
पुलिस के मुताबिक संजीवनी १०८ के पूर्व प्रबंधक ४२ वर्षीय हरीश पिता देवजी तावड़े निवासी गांधीनगर की मंगलवार रात जहर खाने से मौत हो गई। हरीश पेट में तकलीफ के कारण ग्राम सांवलमेंढा से आगे लगभग दो सौ मीटर दूर पड़ा हुआ था। पास में ही उसकी मोटरसाइकिल भी खड़ी हुई। सड़क से जाने वाले लोगों ने भी हरीश को देखा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हरीश शाम को छह से लगभग आठ बजे तक पड़ा रहा। मौके पर ही उल्टी भी की थी। ग्रामीणों को सूचना मिली तो मौके पर पहुंचे। हरीश के मोबाइल से ही ग्रामीणों ने परिवार के लोगों से बात भी की। हरीश ने ग्रामीणों को बताया कि उसने जहर खा लिया है। सांवलमेंढा के ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज कराने लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टर नहीं होने से इलाज नहीं मिला। भैंसदेही अस्पताल लेकर जा रहे थे। हरीश ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। रात में ही जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। बुधवार शव का पीएम किया है। मर्ग कायम कर जांच में लिया है। हरीश ने प्रेम विवाह किया था। उसका लगभग चार वर्ष का एक बेटा भी है। संजीवनी १०८ के मैनेजर के पद पर बैतूल में चार वर्ष पहले पदस्थ हुआ था।
हरीश ने छोड़ दिया था जॉब
हरीश के भाई ने पुलिस को बताया कि परिवार में कोई परेशानी नहीं थी। बैतूल के साथ ही बुरहानपुर का चार्ज दिए जाने से एक सितंबर को हरीश ने जॉब छोड़ दिया था। मंगलवार शाम को चार बजे घर से निकला था। एक घंटे बाद से ही हरीश को फोन लगा रहे थे। उसने फोन नहीं उठाया वही साथी कर्मचारियों का कहना है कि हरीश को काम से निकाल दिया गया था,जिसकी वजह से मानसिक तनाव में था। काम पर वापस लेने की मांग को लेकर कर्मचारी कंपनी के अधिकारियों के पास भोपाल भी पहुंचे थे। वही सूत्रों के मुताबिक ने हरीश ने पूरी प्लानिंग के तहत आत्महत्या की। हरीश ने पहले ही पता कर लिया था कि कोई १०८ नहीं लेने आ सकती थी। सभी गाडिय़ा इधर-उधर निकल गई है। इसके बाद सांवलमेंढा की ओर निकल गया और जहर खा लिया।
इनका कहना
संजीवनी १०८ के पूर्व प्रबंधक की जहर खाने से मौत हुई है। उसे मृत अवस्था में जिला अस्पताल लाया था। जहर खाने का कारण अज्ञात है। मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।
एसके वर्मा, चौकी प्रभारी जिला अस्पताल बैतूल।