अधिकारियों के मोबाइल पर आया तीन दिन के अलर्ट का मैसेज
होशंगाबाद में हुई भीषण आगाजनी की घटना के बाद प्राकृतिक आपदा से बचाव को लेकर जिला प्रशासन ने समस्त राजस्व अधिकारियों को अलर्ट मैसेज जारी किया है। मैसेज में तीन दिन तक अलर्ट रहने के लिए निर्देशित किया गया है।
बैतूल। होशंगाबाद में हुई भीषण आगाजनी की घटना के बाद प्राकृतिक आपदा से बचाव को लेकर जिला प्रशासन ने समस्त राजस्व अधिकारियों को अलर्ट मैसेज जारी किया है। मैसेज में तीन दिन तक अलर्ट रहने के लिए निर्देशित किया गया है। प्राकृतिक आपदा की संभावना को देखते हुए यह मैसेज अलर्ट समस्त राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ग्राम कोटवार तक को किए गए हैं। कलेक्टर तरूण कुमार पिथोड़े ने प्राकृतिक आपदा से निपटने के संबंध में आपदा प्रबंधन की बैठक भी मंगलवार को बुलाई है। बताया गया कि मैदानी अमले को भेजे गए इस मैसेज अलर्ट से हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है। मैसेज में जिस तरह से आने वाले तीन दिनों का उल्लेख किया गया है उसे देखते हुए कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि तहसीलदार वैधनाथ वासनिक का कहना था कि हर साल यह अलर्ट गर्मी की शुरूआत में जारी होता है। इसमें नई जैसी कोई बात नहीं है। चूंकि हाल ही में होशंगाबाद जिले में आगजनी की बड़ी घटना हुई है इसलिए रिमांडर के तौर पर पुन: अलर्ट जारी किया गया होगा।
किसानों से खेतों में नरवाई न जलाने की अपील
उप संचालक किसान तथा कृषि विकास कोमल प्रसाद भगत ने जिले के किसानों से खेतों में गेहूं की नरवाई न जलाने की अपील करते हुए कहा है कि फसल अवशेषों में आग लगाने से नरवाई ही नहीं जलती, बल्कि भूमि के अंदर उपस्थित सभी सूक्ष्म जीव तापक्रम बढऩे से नष्ट हो जाते हैं। फसल अवशेष को जलाना न सिर्फ किसानों के लिए हानिकारक है अपितु इससे प्रकृति, पर्यावरण, भूमि भी प्रदूषित होती है। उन्होंने कहा कि किसान फसल के अवशेषों को जलाने के बजाए उसको रोटावेटर, डिस्कहेरो के माध्यम से वापस भूमि में मिला दें, जिससे भूमि उपजाऊ होगी एवं कृषि में लाभदायक या मित्र जीवाणुओं को बचाया जा सकता है। साथ ही किसानों को आगामी फसल के उत्पादन में वृद्धि प्राप्त होगी।
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