जनप्रतिनिधियों एवं आदिवासी समाज सेवा संगठन की ओर सरकार से मांग की थी कि उक्त सामूहिक विवाहों में आदिवासी जोड़ों का विवाह आदिवासी सांस्कृतिक से ही संपन्न कराए जाए। आदिवासी समुदाय के सदस्यों का कहना था कि कन्यादान विवाह सम्मेलन में आदिवासियों आदिवासी संस्कृति से हो जिससे की आदिवासी अधिक से अधिक संख्या में सम्मेलन से विवाह कर सके। अप्रैल माह में जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह सम्मेलन आयोजित किया जाना है, जिसमें भूमकाओं द्वारा विवाह सम्पन्न कराए जाना है।
खरमास चालू होने के कारण वैवाहिक समारोहों पर ब्रेक लग गया है। यह ब्रेक 14 अप्रैल तक रहेगा। इस दौरान कहीं भी शहनाई कीआवाज नहीं सुनाई देगी। खरमास के दौरान शुभ कार्यों पर पाबंदी रहती है इसी वजह से वैवाहिक कार्यक्रम बंद हो गए हैं।
पं. जयनारायण तिवारी के अनुसार जब भी सूर्यदेव बृहस्पति की मीन राशि में गोचर करते हैं तो खरमास शुरू होता है। इस दौरान मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते हैं। खरमास चूंकि 14 मार्च से प्रारंभ माना गया है इसलिए 14 अप्रैल तक मांगलिक कार्य बंद रहेंगे। 15 अप्रैल को सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होगा और खरमास की समाप्ति होगी। अक्षय तृतीय के बाद से कई विवाह मुहुत रहेंगे।
अक्षय तृतीय पर भी होंगे विवाह कार्यक्रम
१८ अप्रैल से अक्षय तृतीया से पुन: शुभ कार्य की शुरूआत की जाएगी, एवं ११ जुलाई तक ३६ दिन मांगलिक कार्य व शादी-विवाह के लिए शुभ व फलदायी मुहुर्त रहेगें। पं. सोमेश परसाई के अनुसार वैसे तो अभी 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में चले जाने से मलमास (खर मास) लग जाएगा जो १४ अप्रैल को पूरा होगा। पूरे मार्च के महीने में मांगलिक, वैवाहिक व शुभ कार्य नही हो सकेंगे।