पढ़े, ४० लाख मिलने के बाद भी क्यों नहीं बन सका बस स्टैंड
सूत्र बस सेवा की बसों के स्टापेज के लिए नगरपालिका को ४० लाख रुपए भेजा गया है लेकिन छह महीने बाद भी नगरपालिका की बस स्टैंड निर्माण के लिए जमीन की तलाश पूरी नहीं हो सकी है।
बैतूल। सूत्र बस सेवा की बसों के स्टापेज के लिए नगरपालिका को ४० लाख रुपए भेजा गया है लेकिन छह महीने बाद भी नगरपालिका की बस स्टैंड निर्माण के लिए जमीन की तलाश पूरी नहीं हो सकी है। पूर्व में जयप्रकाश वार्ड में पीडब्ल्यूडी की जमीन पर नगरपालिका द्वारा बस स्टैंड बनाने का प्रस्ताव लिया गया था। जमीन का सीमांकन भी कराया गया, लेकिन अचानक प्लान बदल दिया गया और कोठीबाजार बस स्टैंड में पीछे की तरफ खाली जमीन पर बस स्टैंड बनाने की योजना बनाई गई लेकिन यह भी फेल हो गई। नए कलेक्टर ने अब बस स्टैंड को शहर के बाहर बायपास के पास बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। जमीन की तलाश के लिए राजस्व अमले को निर्देशित किया गया है।
छह महीने पहले मिली राशि
सूत्र बस सेवा के संचालन के लिए बस स्टैंड का निर्माण करने नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा ४० लाख रुपए का बजट नगरपालिका को छह माह पहले भेजा गया था लेकिन नगरपालिका इस राशि का अभी तक उपयोग नहीं कर सकी है। बताया गया कि जमीन नहीं मिलने की वजह से मामला अधर में लटका पड़ा है। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा जयप्रकाश वार्ड में अपनी जमीन नगरपालिका को उपलब्ध कराई गई थी। सीमांकन होने के बाद यहां बस स्टैंड बनाने का काम शुरू होना था लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
अब नए सिरे से तलाश रहे जमीन
सूत्र बस सेवा संचालन को लेकर कलेक्टर ने नगरपालिका को नए सिरे से जमीन की तलाश किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व अमले को कहा है कि बस स्टैंड निर्माण के लिए ऐसी लोकेशन देखी जाए ताकि बाहर से आने वाली बसें बाहर से ही होकर गुजर जाए उन्हें शहर के अंदर न आना पड़े। फोरलेन पर बायपास के आसपास जमीन तलाशने के लिए कहा गया है। संभवत: कल से राजस्व अमला जमीन की तलाश शुरू कर सकता है। जो स्थिति है उसमें शहर के बाहर ज्यादातर जमीनें छोटे झाड़-बड़े झाड़ के जंगल में दर्ज है। जिसके कारण बस स्टैंड के लिए जमीन मिलना मुश्किल है।
शहर से बाहर बस स्टैंड बना तो यात्रियों की होगी मुसीबत
सूत्र बस सेवा के लिए यदि नगरपालिका शहरी क्षेत्र से बाहर बस स्टैंड का निर्माण कराती है तो यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि बसें यात्रियों को बाहर ही उताकर चली जाएंगी। ऐसे में यात्रियों को पुन: ऑटो का मनमानी किराया देकर शहर के अंदर आना पड़ता। जितना बस का किराया नहीं लगेगा उससे ज्यादा ऑटो का किराया भरना पड़ेगा। इसलिए शहर के बाहर बस स्टैंड का निर्माण किया जाना आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। लोगों का भी कहना है कि बस स्टैंड शहर के अंदर होना चाहिए ताकि यात्रियों पर अतिरिक्त किराये का बोझ न पड़े।
बस स्टैंड विस्तार की योजना ठंडे बस्ते में
कोठीबाजार बस स्टैंड के विस्तार की योजना पुन: ठंडे बस्ते में चली गई है। बताया गया कि तत्कालीन कलेक्टर तरूण कुमार पिथोड़े ने बस स्टैंड के पीछे खाली पड़ी फालोद्यान की जमीन को नगरपालिका को बस स्टैंड विस्तार के लिए हैंडओवर किए जाने की बात कहीं थी। जमीन के लिए नगरपालिका ने एडीएम कार्यालय में आवेदन भी किया था लेकिन कलेक्टर के स्थानांतरण होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। बताया गया कि यदि फलोद्यान की जमीन नगरपालिका को मिल जाती तो इससे बस स्टैंड का विस्तार हो सकता था और बसों की स्टापेज संख्या भी बढ़ जाती।
इनका कहना
– सूत्र बस सेवा के बस स्टैंड निर्माण के लिए पैसा आकर पड़ा है लेकिन जमीन के अभाव में बस स्टैंड नहीं बन सका है। बस स्टैंड के लिए लोकेशन पाइंट आउट कर रहे हैं। कलेक्टर साहब स्वयं जमीन को लेकर निरीक्षण करने वाले हैं।
– प्रियंका सिंह, सीएमओ नगपालिका बैतूल।