मुलताई एवं प्रभातपट्टन ब्लॉक में जलस्तर ४० मीटर नीचे पहुंच गया है। इन ब्लॉकों में पानी को लेकर हालात सबसे ज्यादा खराब है। पीएचई विभाग द्वारा हैंडपंप खनन के लिए यहां पंद्रह से २० बोर कराए हैं लेकिन सभी फेल हो चुके हैं। जिले में ५५ नलजल योजनाएं अब भी बंद पड़ी हुई है। इनमें से आधे से ज्यादा यानि ४० प्रतिशत योजनाएं जलस्त्रोत सूखने के कारण बंद है। इस कारण नए बोर कराए गए लेकिन वह भी असफल साबित हुए। कुएं भी जलस्तर गिरने के कारण सूख चुके हैं। सबसे ज्यादा परेशानी मुलताई, प्रभातपट्टन, आठनेर, चिचोली एवं भैंसदेही ब्लॉक की है।
ब्लॉक जलस्तर
बैतूल २७.८२
आमला २९.३५
मुलताई ३९.१२
प्रभापट्टन ४०.३७
भैंसदेही ३४.१७
आठनेर २९.६८
चिचोली २२.०६
भीमपुर २६.८५
शाहपुर २७.११
घोड़ाडोंगरी २८.३७
योग ३०.४९ शासन से डेढ़ करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। बंद नलजल योजनाओं को शुरू कराने सहित हैंडपंप एवं बोरखनन कराए जा रहे हैं। पीएचई द्वारा आधा सैकड़ा बोर खनन किए हैं लेकिन जलस्तर गिरने की वजह से तीस प्रतिशत फेल हो गए हैं। अब जनभागीदारी से ६०० से १००० फीट गहरे बोर कराए जा रहे हैं।
श्वेता औचट, ईई पीएचई विभाग