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बेतुल

50 में से 15 फेल, अब जनता की मदद से करेंगे एक हजार फीट गहरे

गाइडलाइन बनी बोर खनन में अड़ंगा, जलस्त्रोत सूखने की वजह से 55 नलजल योजना बंद पड़ी

बेतुलMay 29, 2018 / 02:32 pm

sandeep nayak

Drinking water

drinking Water crisis deepens in Arthandi

बैतूल। जल संकट से जूझ रहे बैतूल के लिए सरकारी गाइड लाइन भी मुसीबत बनी हुई है। सरकारी नियमानुसार चार सौ फीट से ज्यादा गहरे बोर नहीं करा सकते। लेकिन कई जगह जल स्तर 40 मीटर नीचे जा चुका है। ऐसे में 50 बोर खनन कराए तो 15 फेल हो गए। अब प्रशासन जनभागीदारी से इन्हें छह सौ लेकर एक हजार फीट गहरे करने का विचार कर रहा है।
55 नलजल योजनाएं बंद पड़ी
पीएचई विभाग के मुताबिक जिले में ५५ नलजल योजनाएं अब भी बंद पड़ी हुई है। इनमें से आधे से ज्यादा यानि ४० प्रतिशत योजनाएं जलस्त्रोत सूखने के कारण बंद है। इस कारण नए बोर कराए गए लेकिन वह भी असफल साबित हुए। कुएं भी जलस्तर गिरने के कारण सूख चुके हैं। सबसे ज्यादा परेशानी मुलताई, प्रभातपट्टन, आठनेर, चिचोली एवं भैंसदेही ब्लॉक की है।
यहां सबसे ज्यादा हालात खराब
मुलताई एवं प्रभातपट्टन ब्लॉक में जलस्तर ४० मीटर नीचे पहुंच गया है। इन ब्लॉकों में पानी को लेकर हालात सबसे ज्यादा खराब है। पीएचई विभाग द्वारा हैंडपंप खनन के लिए यहां पंद्रह से २० बोर कराए हैं लेकिन सभी फेल हो चुके हैं। जिले में ५५ नलजल योजनाएं अब भी बंद पड़ी हुई है। इनमें से आधे से ज्यादा यानि ४० प्रतिशत योजनाएं जलस्त्रोत सूखने के कारण बंद है। इस कारण नए बोर कराए गए लेकिन वह भी असफल साबित हुए। कुएं भी जलस्तर गिरने के कारण सूख चुके हैं। सबसे ज्यादा परेशानी मुलताई, प्रभातपट्टन, आठनेर, चिचोली एवं भैंसदेही ब्लॉक की है।
मई माह में भूजलस्तर की स्थिति
ब्लॉक जलस्तर
बैतूल २७.८२
आमला २९.३५
मुलताई ३९.१२
प्रभापट्टन ४०.३७
भैंसदेही ३४.१७
आठनेर २९.६८
चिचोली २२.०६
भीमपुर २६.८५
शाहपुर २७.११
घोड़ाडोंगरी २८.३७
योग ३०.४९

शासन से डेढ़ करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। बंद नलजल योजनाओं को शुरू कराने सहित हैंडपंप एवं बोरखनन कराए जा रहे हैं। पीएचई द्वारा आधा सैकड़ा बोर खनन किए हैं लेकिन जलस्तर गिरने की वजह से तीस प्रतिशत फेल हो गए हैं। अब जनभागीदारी से ६०० से १००० फीट गहरे बोर कराए जा रहे हैं।
श्वेता औचट, ईई पीएचई विभाग
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