जिला अस्पताल में बच्चे को जन्म देने वाली 23 वर्षीय महिला तीन माह पहले सड़क के किनारे गर्भवती अवस्था में पाई गई थी। जिसे सरकार द्वारा चलाई जा रही आशा ज्योति रेस्क्यू वैन से गोपीगंज स्थित महिला आश्रय गृह में भेजा गया था। गुरूवार को महिला के पेट में अचानक दर्द उठा जिसके बाद आश्रय गृह के टीम ने उसे गोपीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती करा दिया। आरोप है कि प्रसूता को भर्ती कराने के बाद महिला चिकित्सकों द्वारा उसकी स्थिति को बेहतर बताया गया है लेकिन अचानक वहां पहुंचे केन्द्र के अधीक्षक ने महिला चिकित्सक से बात करने के बाद प्रसूता को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बिना किसी जांच के ही पर्ची पर खून की कमी को रेफर का कारण बता दिया गया। प्रसूता की डीलवरी से पीछा छुड़ाने के लिए महिला की हालत को गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया जिससे प्रसूता घबरा गयी और उसका ब्लड प्रेशर भी बढ़ गया। लेकिन जब प्रसूता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया तो एक घंटे में बिल्कुल साधारण तरीके से प्रसूता ने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया साथ ही जांच में भी खून की कोई कमी नहीं पायी गयी। इसे लेकर जनक समिति महिला स्वधार केन्द्र की डा किरन त्रिपाठी द्वारा गोपीगंज सीएचसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गयी है। वहीं जब इस बारे में जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डा सतीश सिंह को जानकारी हुई तो उन्होने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए केन्द्र के अधीक्षक को चेतावनी जारी करते मामले की जांच करने की बात कही गयी है। उन्होने कहा जांच के बाद मामले में कार्रवाई की जायेगी।