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भरतपुर

किसान की इच्छा पर निर्भर है पीएम फसल बीमा, 15 जुलाई तक करें आवेदन

-आपदा के समय मिलता है फसल की क्षतिपूर्ति का मुआवजा

भरतपुरJul 09, 2020 / 08:53 pm

Meghshyam Parashar

किसान की इच्छा पर निर्भर है पीएम फसल बीमा, 15 जुलाई तक करें आवेदन

किसान की इच्छा पर निर्भर है पीएम फसल बीमा, 15 जुलाई तक करें आवेदन

भरतपुर. बैंकों से फसली लोन लेने वाले किसानों को अब फसल बीमा कराना अनिवार्य नहीं रहेगा। यह किसान की इच्छा पर निर्भर रहेगा कि वह अपनी फसल का बीमा कराए या न करवाए, लेकिन स्वेच्छा का यह विकल्प पहले लिखित में बताना होगा, अन्यथा उस किसान को बीमा में शामिल कर लिया जाएगा। दरअसल, पिछले दस साल के आंकड़े बताते हैं कि जिले में फसल बीमा के नाम पर किसानों से प्रति वर्ष करोड़ों रुपए बीमा कंपनियां वसूलती रही हैं। वसूले गए प्रीमियम से आधी राशि भी क्लेम में नहीं दी जाती, लेकिन किसान को न चाहते हुए भी निजी कंपनियों से फसल बीमा कराना पड़ता था, क्योंकि किसान ने बैंकों व सहकारी संस्थाओं से लोन लिया हुआ होता है। बीमा कंपनियां किसानों से प्रीमियम वसूल लेती, लेकिन क्लेम के मामले में आनाकानी, व टालमटोल का रवैया अपनाती रही हैं। इसको लेकर किसानों के असंतोष को देखते हुए अब सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा को स्वैच्छिक कर दिया है। जो किसान सहकारी बैंक से लोन ले रहे हैं वे भी अपनी इच्छा होने पर ही फसल का बीमा करा सकेंगे। वे बैंक में लिखित में दे सकते हैं कि वे फसल बीमा नहीं कराना चाहते। फसल बीमा से अलग रहने के इच्छुक ऋणी किसान को आठ जुलाई तक संबंधित बैंक शाखा में आवेदन करना था। आगामी वर्ष के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के माध्यम से फसल बीमा का कार्य किया जा रहा है इसकी अंतिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित की गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम राशि का अंशदान निर्धारित तिथि तक जमा कराकर अपनी फसल को बीमित करा सकते हैं। इससे किसी आपदा के समय उनको फसल की क्षतिपूर्ति का लाभ मिल सके।
इसलिए तरह समझिए किसान को क्या देना होगा

कृषि विस्तार के उपनिदेशक डॉ. धर्मपाल सिंह ने बताया कि बाजरा के लिए 757.22 रुपए प्रति हेक्टेयर, ज्वार के लिए 513.52 रुपए, ग्वार के लिए 846.56 रुपए, तिल के लिए 589.40 रुपए, कपास के लिए 1238.35 रुपए एवं धान के लिए 1053.70 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रीमियम राशि कृषक की ओर से देय होगी। उन्होंने बताया कि किसानों की ओर से फसल बीमा कराया जाना पूरी तरफ स्वैच्छिक है, जो ऋणी कृषक योजना में नहीं जुडऩा चाहते हैं वे आठ जुलाई 2020 तक संबंधित वित्तीय संस्था में इस बाबत् घोषणा पत्र प्रस्तुत कर सकते थे, अन्यथा उनको योजना में शामिल माना जाएगा। इस योजना में फसली ऋण लेने वाले कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बटाईदार कृषकों की ओर से फसलों का बीमा कराया जा सकेगा। कृषक जिस जिले में स्वयं रहता है उसी जिले की परिधि क्षेत्र में बटाई भूमि मान्य होगी। ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जाएगा, जबकि गैर ऋणी कृषक अपनी फसलों का बीमा 15 जुलाई 2020 तक निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं एवं सीएससी के माध्यम से करा सकेंगे। इसके अतिरिक्त बीमा कम्पनी के अधिकृत बीमा एजेंट, प्राधिकृत प्रतिनिधि अथवा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल की ओर से निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत फसल बीमा कराया जा सकता है।

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