समाज के ही दूसरे खैमा के पंच-पटेल एक बार फिर से एकजुट हुए और प्रेस वार्ता कर कर्नल बैंसला से आंदोलन समाप्त करने की अपील की। हालांकि, गुरुवार को दिनभर राज्य सरकार की ओर से कर्नल बैंसला समेत अन्य लोगों से वार्ता को लेकर कोई प्रयास नहीं होते दिखे।
कर्नल के विजय बैंसला का कहना था कि सरकार की ओर से किसी प्रशासनिक अधिकारी या प्रतिनिधि को भेजने का तभी फायदा है, जब वह अपने साथ कोई आदेश लेकर आए। ऐसे में बैंसला गुट अपनी बैकलॉग समेत अन्य मांगों पर सहमति बनने तक आंदोलन की बात पर अड़ा हुआ है। वहीं, दूसरे गुट की बैठक में समाज के लोगों ने कर्नल बैंसला पर अपने पुत्र मोह में आंदोलन कराने का गंभीर आरोप भी लगाया। जिससे फिलहाल दोनों पक्षों में खुलकर मतभेद सामने आ चुके हैं।
आंदोलन समाप्त करें जनता परेशान
सरकार से वार्ता करने के बाद सहमत हुए 80 गांवों के 41 सदस्यीय दल ने गुरुवार को गांव शेरगढ़ में प्रेस वार्ता की। इस दौरान दीवान सिंह, यादराम, अतर सिंह, दयाराम, हरज्ञान, मेजर सिंह समेत समाज के कई लोग मौजूद थे। इन सभी ने एक स्वर में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से आंदोलन समाप्त करने की मांग की।
साथ ही कहा कि सरकार से सभी बिंदुओं पर सहमति बन गई है फिर भी यदि किसी बिंदु पर सहमत नहीं हैं तो सरकार से बात करें लेकिन आंदोलन समाप्त करें जिससे की आम जनता को हो रही परेशानी से निजात मिले।
उन्होंने कहा कि त्योहार का समय नजदीक है, खेतों में फसल का कार्य चल रहा है और मांगों पर में पूर्व में सहमति बन गई थी। ऐसे में आंदोलन उचित नहीं है। शाम को सरपंच संघ ने जिला परिषद सीईओ अमित यादव को ज्ञापन सौंपकर कोरोना संक्रमण, त्योहार व विभिन्न परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार से जल्द समाधान निकालने और आंदोलन को समाप्त कराने की मांग की की गई।