यह स्थिति दो दिन है जिसके चलते जांच प्रभावित होने के साथ मरीजों के जमा किए गए करीब 60 ब्लड सैम्पल खराब हो गए। इसका कारण लैब में 15 डिग्री से ज्यादा तापमान होना माना जा रहा है। अब मरीजों को बायोकैमिट्री जांच के लिए भटकना पड़ रहा है।
अस्पताल में आने वाले मरीजों की सुविधा के लिए इस मशीन से बायोकैमिट्री में शुगर, यूरिया, केटिनिन, लीवर फंक्शन, कॉलेस्ट्रॉल आदि की जांच होती है। मगर, अब मरीज इन जांचों के लिए भटक रहे हैं। ऐसे में मरीजों को निजी लैब पर जांच कराकर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। बावजूद इसके इतने बड़े अस्पताल में कोई धणी-धौणी नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि मशीन को नए भवन में शिफ्ट करने से पुरानी लैब के एसी वहां लगा दिए। इसे लेकर पीएमओ को अवगत कराया, मगर समस्या समाधान पर ध्यान नहीं दिया गया। अगर मरीजों के उपचार और जांचों को लेकर अस्पताल प्रशासन मौन रहेगा तो मरीजों की ये समस्या हमेशा बनी रहेगी।
आरबीएम अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. केसी बंसल ने बताया कि अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में संचालित लैब को मेडिकल कॉलेज के नए भवन में शिफ्ट किया जा रहा है, जहां मरीजों की जांच करोड़ों रुपए की मशीनों से होगी। इसे लेकर जांच मशीनों को शिफ्ट किया जा रहा है। जहां से गत दिनों वातानुकूलित (एसी) हटाकर नए भवन की लैब में लगा दिए।
अब पुरानी लैब में रखी फुली एनालाइजर मशीन गर्मी के कारण बंद पड़ी है। क्योंकि मशीन 15 डिग्री तापमान तक संचालित की जा सकती है। एसी के हटने से मशीन बंद करनी पड़ रही है। इस वजह से जांच को लिए गए 60 ब्लड सैम्पल खराब हो गए।फुली एनालाइजर मशीन से बायोकैमिट्री जांच होती हैं। अस्पताल की लैब को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा। इसलिए मशीन बंद है। एक-दो दिन में ये जांच शुरू हो जाएंगी।