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भरतपुर

सहायता राशि के बहाने सुनीता पर अस्पताल प्रबंधन डाल रहा बयान बदलने का दबाव

-स्वास्थ्य मंदिर संस्थान की टीम ने फिर की मदद, लुपिन आज देगी 11 हजार रुपए की सहायता

भरतपुरNov 25, 2020 / 02:40 pm

Meghshyam Parashar

सहायता राशि के बहाने सुनीता पर अस्पताल प्रबंधन डाल रहा बयान बदलने का दबाव

सहायता राशि के बहाने सुनीता पर अस्पताल प्रबंधन डाल रहा बयान बदलने का दबाव

भरतपुर. आरबीएम अस्पताल प्रशासन खुद की कमियों को छिपाने के लिए किस हद तक जा सकता है, इसका एक ताजा मामला अब फिर सामने आया है। अस्पताल से जांच के नाम पर पहुंचे दो कर्मचारियों ने लापरवाही का शिकार हुई महिला सुनीता पर न सिर्फ बयान बदलने का दबाव बनाया, बल्कि खुद नौकरी पर खतरा बताते हुए उसे सहायता राशि देने का लोभ भी दिया है। हालांकि जिला कलक्टर भी चार बार सहायता राशि दिलाने का आश्वासन दे चुके हैं। ऐसे में अचानक दो कर्मचारियों का सुनीता के पास जाकर सहायता राशि के बहाने पर बयान बदलने का दबाव बनाना बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। दोनों कर्मचारियों ने महिला के बयान का एक वीडियो भी बनाया है। हालांकि महिला ने कहा कि अस्पताल प्रशासन से आए दो कर्मचारियों ने करीब 20-25 मिनट तक बात की। घटना की विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उसके बाद कहा कि अस्पताल में इलाज के दौरान 10 हजार रुपए मांगने की बात को बयान से हटा दें। बेवजह किसी की नौकरी पर बात आएगी। सहायता राशि दिलाने का भी आश्वासन दिया, लेकिन एक रुपया भी सहायता नहीं दी गई है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 18 नवम्बर के अंक में ‘शर्मनाक प्लास्टर चढ़ा कर कह दिया बाहर कराओ ऑपरेशनÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इसके बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और पीडि़ता महिला की सुनीता की खोज-खबर ली, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला, लेकिन पत्रिका ने तलाश कर महिला से बात कर अस्पताल प्रबंधन के झूठ को उजागर किया था।
हादसे में पैर में फ्रेक्चर होने के कारण सुनीता के तीन बच्चे उसकी ननद के यहां रह रहे हैं, जबकि एक बेटी मां की देखरेख में लगी है। सुनीता ने बताया कि अस्पताल प्रशासन से आए दो कर्मचारियों ने उसका वीडियो बनाया था। उन्होंने अस्पताल में इलाज के दौरान ऑपरेशन के नाम पर 10 हजार रुपए मांगने की बात को बयान में शामिल नहीं करने के लिए कहा था, लेकिन उन्हें स्पष्ट कह दिया है कि आरोप किसी डॉक्टर पर नहीं लगाया है। बल्कि एक दलाल ने ऑपरेशन कराने के लिए रुपए मांगे थे। ऐसे में गहने गिरवी रखकर निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराया था। अब बुधवार को अस्पताल में इलाज कराने के लिए जाना है, लेकिन एक रुपया पास में नहीं है। वहीं स्वास्थ्य मंदिर संस्थान की टीम लुधावई टोल प्लाजा सुनीता के पास पहुंच कर मदद की। सुनीता के पास खाना पकाने का कुछ भी नहीं होने के कारण उसे दूध, चीनी, तैयार हुआ खाना, कम्बल, स्वेटर, जर्सी, दवाइयां दी। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सोनिया शर्मा ने बताया कि अभी तक उसे स्वास्थ्य मंदिर के अलावा किसी ओर ने मदद नहीं की है। यदि ओर अन्य संस्थाएं उसे चूल्हा और गैस की मदद कर देती है तो उसे खाना बनाने में आसानी होगी। पका भोजन, राशन व उसकी बेटी के कपड़े की व्यवस्था संस्थान ने कर दी है। स्वास्थ्य मंदिर लगातार उसकी मदद कर रहा है। संस्थान ने आम लोगो से उसकी मदद करने की अपील की है। लुपिन संस्था के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता ने बताया कि सुनीता का मामला उनके पास आ गया है। उसके कागज तैयार कराए जा रहे हैं। उसके अस्थायी निवास की जानकारी भी कर ली गई है। बुधवार को महिला सुनीता को 11 हजार रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करा दी जाएगी।

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