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उत्तर पुस्तिका किसी ने जांची, अंक किसी ने दिए…सौ से अधिक विद्यार्थियों की अंकतालिका में आए जीरो-जीरो अंक

भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय (Maharaja Surajmal Brij University)की परीक्षा शाखा की बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। बीएससी तृतीय वर्ष (गणित) के परीक्षा परिणाम में दो अलग-अलग परीक्षकों द्वारा अवार्ड सीट (अंक सीट) में अंक भरने के चलते सौ से अधिक विद्यार्थियों की अंकतालिका में जीरो-जीरो अंक दर्शा दिए गए।

भरतपुरJul 04, 2019 / 09:49 pm

shyamveer Singh

MS Brij University: BSc Third Year Mathematics Result Disturb

उत्तर पुस्तिका किसी ने जांची, अंक किसी ने दिए…सौ से अधिक विद्यार्थियों की अंकतालिका में आए जीरो-जीरो अंक

भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय (Maharaja Surajmal Brij University) की परीक्षा शाखा की बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। बीएससी तृतीय वर्ष (गणित) (BSc Third Year Mathematics Result) के परीक्षा परिणाम में दो अलग-अलग परीक्षकों द्वारा अवार्ड सीट (अंक सीट) में अंक भरने के चलते सौ से अधिक विद्यार्थियों की अंकतालिका में जीरो-जीरो अंक दर्शा दिए गए। एक परीक्षक के पास उत्तर पुस्तिकाएं चैक होने के लिए पहुंची ही नहीं फिर भी उसने सौ से अधिक विद्यार्थियों को जीरो-जीरो अंक दे दिए। वहीं जिस अन्य परीक्षक ने उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की उसके अंक अंकतालिकाओं में चढ़ाए ही नहीं। परेशान विद्यार्थियों ने दो दिन तक लगातार हंगामा किया तो विवि प्रशासन की नींद उड़ी और आनन-फानन में मामले की जांच कराई तो गलती पकड़ में आई। तब जाकर 92 विद्यार्थियों की अंकतालिका में सुधार करवाया। वहीं अभी भी 23 ऐसे विद्यार्थियों की अंकतालिकाओं की जांच कराई जा रही है।

यूं हुई गड़बड़ी
बीएससी तृतीय वर्ष (गणित) (BSc Third Year Mathematics Result) की उत्तर पुस्तिकाओं के 300-300 के बंडल बनाकर परीक्षकों को जांचने के लिए भेजे गए। एक परीक्षक के पास एक बंडल में किसी केन्द्र की सिर्फ 6 उत्तर पुस्तिकाएं (294 उत्तर पुस्तिकाएं अन्य केन्द्र की थीं) पहुंची लेकिन उस केन्द्र की करीब 150 उत्तर पुस्तिकाओं की अवार्ड सीट पहुंच गई। ऐसे में परीक्षक ने 6 उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कर उनके सही अंक अवार्ड सीट में भर दिए और बाकी करीब 144 उत्तर पुस्तिकाओं (जो उसके पास पहुंची ही नहीं) के जीरो-जीरो अंक भर दिए गए। जबकि परीक्षक को उनके सामने या तो क्रॉस करना था या फिर डेस(-) करना था। उधर, जिस परीक्षक के पास ये उत्तर पुस्तिकाएं पहुंचीं उसने उनकी जांच कर अवार्ड सीट में अंक भरकर भेज दिए।
जब समान विद्यार्थियों की दो अलग-अलग अवार्ड सीट ठेका फर्म के पास पहुंचीं तो उसने सही अवार्ड सीट के अंक चढ़ाने के बजाय गलत अवार्ड सीट के जीरो-जीरो अंक अंकतालिकाओं में चढ़ाकर परिणाम जारी कर दिया।

प्रायोगिक अंक चढ़ाए बिना ही जारी किया था परिणाम
वहीं बीएससी तृतीय वर्ष (गणित) के विद्यार्थियों की अंकतालिका में प्रायोगिक अंक चढ़ाए बिना ही परीक्षा परिणाम लाइव कर दिया था। ऐसे में विद्यार्थियों की ऑनलाइन अंकतालिका में प्रायोगिक अंक ही नहीं दर्शाए गए, जिन्हें विद्यार्थियों के हंगामे के बाद सही किया गया।

92 अंकतालिकाओं में सुधार करवाया
यह गड़बड़ी परीक्षक द्वारा अवार्ड सीट में जीरो-जीरो अंक लिखने की वजह से हुई थी। जीरो-जीरो अंक वाली 92 अंक तालिकाओं में सुधार करवाकर सही अंक चढ़ा दिए गए हैं। साथ ही 23 और ऐसी ही अंक तालिकाओं की जांच कराई जा रही है।
– डॉ. सीएम कोली, कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर।
फर्म को नोटिस दिया है
विद्यार्थियों के परिणाम में संशोधन कर दिया गया है। प्रायोगिक परीक्षा के अंक नहीं चढ़ाने पर ठेका फर्म को नोटिस दिया है।
-डॉ. राजेश गोयल, कुलसचिव, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर।

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