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भरतपुर

नगर निगम के मेयर व आयुक्त के बीच कलह, छिपाते रहे अफसर व नेता

-विरोध बढ़ता देख सफाई निरीक्षक अनिल लाहौरा एपीओ-अब कथित घोटालों की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित

भरतपुरMay 22, 2020 / 11:32 pm

Meghshyam Parashar

नगर निगम के मेयर व आयुक्त के बीच कलह, छिपाते रहे अफसर व नेता

नगर निगम के मेयर व आयुक्त के बीच कलह, छिपाते रहे अफसर व नेता

भरतपुर. नगर निगम के मेयर, पार्षद व निगम प्रशासन के बीच चल रही खींचतान का असर शुक्रवार को दिखाई दिया। पार्षद नगर निगम के ही सभागार में बैठक कर निगम प्रशासन की कार्यशैली व मेयर के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर विरोध व्यक्त करते हुए आरोप लगाए। हालांकि बैठक में पार्षदों का एक धड़ा निगम प्रशासन का समर्थन करता भी नजर आया। आखिर में विरोध बढ़ता देखकर मेयर व डिप्टी मेयर ने आयुक्त से वार्ता की। इसके बाद सफाई निरीक्षक अनिल लाहौरा को एपीओ कर दिया। यह कार्रवाई भी मेयर अभिजीत कुमार के आदेश पर करना बताया गया। उल्लेखनीय है कि सिर्फ राजस्थान पत्रिका ने ही 22 मई के अंक में इस विवाद का खुलासा किया था।
नगर निगम सभागार में हुई बैठक मेयर अभिजीत कुमार व डिप्टी मेयर गिरीश चौधरी की मौजूदगी में करीब डेढ़ घंटे तक चलती रही। इसमें पार्षद कपिल फौजदार ने कहा कि जब नगर निगम के एक कर्मचारी को अकारण ही निलंबित किया जा सकता है तो मेयर के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले सफाई निरीक्षक को क्यों बचाया जा रहा है। आयुक्त को पार्षदों के विरोध से पहले ही यह कार्रवाई करनी चाहिए थी। निगम की ओर से शहर में कोई खास काम नहीं किया जा रहा है। कोरोना को देखते हुए अति आवश्यक बैठक बुलाई जानी चाहिए। मानसून पूर्व नालों की सफाई का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका है। पार्षद मुकेश कुमार ने कहा कि शहर के प्रथम नागरिक के खिलाफ अगर निगम का ही कोई कर्मचारी इस तरह टिप्पणी कर सोशल मीडिया पर वायरल करता है तो उसे बचाने के बजाय निलंबित किया जाना चाहिए। पार्षद मोती सिंह ने भी सफाई निरीक्षक के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग रखी। पार्षद सतीश सोगरवाल ने कहा कि यह निगम का मामला है। इसलिए इस मुद्दे को आयुक्त के सामने रखा जाना चाहिए। उनके स्तर पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बैठक के बाद पार्षदों ने एक ज्ञापन मेयर व डिप्टी मेयर को सौंपा। ऐसे में बैठक के बीच ही मेयर व डिप्टी मेयर ने आयुक्त से वार्ता की। इसके बाद आयुक्त ने सफाई निरीक्षक अनिल लाहौरा के प्रकरण को लेकर मेयर के पास फाइल भेजी। इसके बाद अनिल लाहौरा को एपीओ कर मुख्यालय नगर निगम करने का आदेश जारी किया गया।
सात सदस्यीय समिति करेगी कथित घोटालों की जांच

बैठक में तय किया गया कि सात सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। जो कि कथित घोटालों व शिकायत की जांच कर निर्धारित अवधि में मेयर व डिप्टी मेयर के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसमें गोवंश के चारा घोटाले की जांच, इकरन गोशाला, सुभाष नगर में गोवंश आश्रय स्थल का अवलोकन, बीट सफाई पर लगे कर्मचारियों के प्रकरण की जांच, कम्प्यूटर ऑपरेटर सप्लाई की जांच, सफाई निरीक्षक को निलंबित करने व स्थानांतरण करने की बात रखी गई। इसकी जांच कमेटी करेगी।
सिर्फ दो प्रकरणों से नगर में चल रही खींचतान

13 अप्रेल को नगर निगम के सफाई निरीक्षक विशाल पठानिया के प्रकरण को लेकर एक सफाई कर्मचारी संगठन ने मेयर व आयुक्त को ज्ञापन दिया था। इसके बाद राजीनामा की कोशिश भी की जाती रही, परंतु मामला दर्ज हो गया। इस प्रकरण में जिन पार्षदों ने राजीनामा की कोशिश की थी, वो भी इस प्रकरण को लेकर विरोध व्यक्त करते रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान मेयर घर से काम करने के लिए कुछ फाइलों को घर ले गए। इन्हीं फाइलों को लेकर नगर निगम में खींचतान सामने आती रही है। हालांकि यह मामला जिले के तीनों मंत्रियों के अलावा स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व उच्च अधिकारियों तक पहुंच चुका है।
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