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भरतपुर

पुलिस कांस्टेबल परीक्षा से पहले पुलिस ने इस गिरोह का किया पर्दाफाश, सरगना सहित चार दबोचे

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भरतपुरJul 12, 2018 / 09:43 pm

Kamlesh Sharma

bharatpur
भरतपुर। जिले में राजस्थान पुलिस कांस्टेबल परीक्षा से दो दिन पहले नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। रेलवे का हैल्पर और कोचिंग सेंटर संचालक गिरोह बनाकर जिले में बेरोजगार युवाओं को खाकी का ख्वाब दिखाकर ठगी कर रहे थे। गिरोह ने यूपी पुलिस, राजस्थान पुलिस, जेल पुलिस, रेलवे और अन्य विभाग में भर्ती कराने का झांसा देकर 15 से 20 युवाओं से 25 लाख रुपए से ज्यादा की वसूली कर चुका है।
पुलिस ने गुरुवार को अलग-अलग तीन थानों में तीन एफआईआर दर्ज करने के बाद गिरोह के सरगना सहित चार लोगों को दबोच लिया है। पुलिस का कहना है कि गिरोह का सरगना और उसके साथी से पूछताछ में ठगी के शिकार युवाओं की संख्या बढ़ सकती है।
पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार टांक ने बताया कि गिरफ्तार जीतेंद्र सिंह (28) पुत्र श्यामसिंह निवासी अड्डी कंजौली लाइन (सेवर), समयसिंह (38) पुत्र बत्तूलाल निवासी संतोषपुरा (रुदावल), वीरभान सिंह (22) पुत्र भगवानसिंह निवासी बसैया कला (नदबई) और भोलूराम (20) पुत्र हरीसिंह निवासी सालिमपुर (बयाना) हैं।
गिरोह का सरगना जीतेंद्र सिंह रेलवे में हैल्पर है। जबकि वीरभान सिंह कृष्णा कोचिंग सेंटर संचालक है। इसके साथ ही शहर की कई अन्य कोचिंग सेंटर में गणित भी पढ़ाता है, जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को जाल में फंसाकर ठगी का खेल करता है। चारों से 15 से 20 पीडि़त युवाओं के नाम, पता, आधार कार्ड, मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज, दो लेपटॉप और चार मोबाइल मिले हैं। ठगी के शिकार पीडि़तों की संख्या बढ़ सकती है।
अंगूठा का क्लोन बनाने का दिया झांसा
अटलबंध, मथुरा गेट और उद्योगनगर थाना में अलग-अलग पीडि़त ने एफआईआर दर्ज कराई हैं। हर एफआईआर में चारों आरोपित शामिल हैं। गिरोह के सरगना जीतेंद्र और उसके साथी पहले बेरोजगार युवाओं को चिह्नित करते फिर उन्हें अंगूठे का क्लोन बनाकर परीक्षा में दूसरे व्यक्ति को बैठाने का झांसा देकर रुपए ऐंठते थे।
समय सिंह, वीरभान और भोलूराम ठगी से शिकार बनाए युवाओं से रुपए लेकर खुद का कमीशन काटकर रकम सरगना जीतेंद्र को दे देते थे। जीतेन्द्र व समयसिंह लेपटॉप से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की कलर ओएमआर सीट का प्रिंट निकालकर उस पर अभ्यर्थी का रोल नम्बर व हस्ताक्षर कर उसे कार्बन लगाकर भरकर अभ्यर्थी को विश्वास दिलाने के लिए दे देते हैं।

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