करीब 45 तरह की सूचनाएं ऑनलाइन रहेंगी उपलब्ध ज्योग्राफिकल इन्फॉरमेशन सिस्टम (जीआईएस) आधारित शहर के बेस मैप के साथ करीब 45 तरह की सूचनाएं हर विभाग को उपलब्ध होंगी। जैसे- बिजली-पानी की पाइप लाइनें, सीवरेज लाइन, ड्रेनेज लाइन, पार्क, शौचालय, स्ट्रीट लाइट, मोबाइल टावर, पशु चिकित्सालय, स्कूल, अग्निशमन केंद्र, अस्पताल, कोचिंग सेंटर, बस सेल्टर, फ्लाईओवर, रेलवे लाइन, वाटर पंपिंग स्टेशन, पुलिस स्टेशन, पानी की टंकियां आदि। साथ ही वैध और अवैध कॉलोनियों की सूचना भी उपलब्ध होगी।
हैरिटेज के हाई रिजोल्यूशन के 3 डी मैप बनेंगे शहर के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पहली बार ड्रोन्स की मदद से डिजिटल मानचित्र बनवाए गए हैं। डिजिटल मैपिंग परियोजना के तहत अब शहर के हैरिटेज एरिया में हाई रिजोल्यूशन वाले 3 डी मानचित्र तैयार हो रहे हैं। करीब 200 फीट तक की ऊंचाई पर उडऩे वाले 4 ड्रोन करीब 56 वर्ग किलोमीटर में फैले भरतपुर शहर की जब तस्वीरें लेंगे तो उस स्थान के देशांतर और अक्षांश की सटीक जानकारी मिली है। ड्रोन मैपिंग से मिले आंकड़ों की वैधता का परीक्षण भौगोलिक सूचनाओं की मदद से किया गया है। शहर के मुख्य मार्गों की जयपुर की तर्ज पर 360 डिग्री एंगल से मैपिंग कराई जाएगी।