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भटिंडा

हॉकी खिलाड़ी पद्मश्री बलबीर सिंह सीनियर को भारत रत्न दिया जाएः राणा सोढ़ी

96 साल की आयु में सोमवार को मोहाली में हुआ निधन
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने संवेदना जताई

भटिंडाMay 25, 2020 / 04:34 pm

Bhanu Pratap

balbir singh senior

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एक शोक संदेश में बलबीर सिंह सीनियर को खेल के प्रचार के लिए विशेष रूप से हॉकी के महान योगदान को याद किया। बलबीर सिंह दुनिया भर में हॉकी के उन खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे, जिन्हें ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। हॉकी आइकन की मौत से एक शून्य पैदा हो गया है, जिसे भरना मुश्किल है। बलबीर सिंह सीनियर ने सोमवार सुबह मोहाली में अपनी अंतिम सांस ली। तीन बार के ओलंपिक चैंपियन और विश्व कप विजेता टीम के प्रबंधक 8 मई 2020 से अपने जीवन की जंग लड़ रहे थे। पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मांग की कि बलबीर सिंह सीनियर को भारत रत्न दिया जाए।
सबसे अधिक अलंकृत ओलंपियन
युवाओं के लिए मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में उनकी उपलब्धियों को याद करते हुए राणा सोढ़ी ने कहा कि 1948, 1952 और 1956 के ग्रीष्मकालीन खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले बलबीर सिंह सीनियर भारतीय खेल इतिहास में सबसे अधिक अलंकृत ओलंपियन थे। वह राष्ट्रीय टीम के कोच बने जिसने 1971 के विश्व कप में कांस्य पदक जीता। फिर उन्होंने 1975 के विश्व कप में टीम का मार्गदर्शन करते हुए भारत को विश्व विजेता बनने में सहायता की। उन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक के स्वर्ण पदक मैच में नीदरलैंड पर भारत की 6-1 की जीत में पांच गोल दागे थे। उनकी कप्तानी में, भारत ने 38 गोल किए और 1956 के मेलबर्न ओलंपिक में बिनी किसी हार के स्वर्ण पदक हासिल किया।
खेल से जुड़ा हर व्यक्ति दुखी
खेल मंत्री ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘आज, हमने न केवल अपने सबसे बड़े प्रतिष्ठित खिलाड़ी को खो दिया है, बल्कि हमने ‘हमारे मार्गदर्शक प्रकाश’’ को भी खो दिया है। वह खेल के सबसे बड़े प्रशंसक थे और जब कभी भी हमें उनके मार्गदर्शन की जरूरत पड़ी तो वह हमेशा मौजूद रहे। हॉकी ने अपने चमकते सितारे को खो दिया है और साथ ही यह बुरा समाचार सुनकर खेल से जुड़ा हर व्यक्ति दुखी है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘बलबीर सिंह सीनियर की अनुकरणीय उपलब्धियां और खेल के प्रति उनका उत्साह आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा एक उदाहरण बना रहेगा। पंजाब खेल विभाग की ओर से मैं उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

ओलंपिक समिति द्वारा चुने गए 16 दिग्गजों में अकेले भारतीय
राणा सोढ़ी ने बताया कि बलवीर सिंह सीनियर को 1957 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था और 2014 में मेजर ध्यानचंद लाइफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। देश के सर्वकालिक महान एथलीट में से एक बलबीर सिंह सीनियर आधुनिक ओलंपिक इतिहास में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा चुने गए 16 दिग्गजों में केवल अकेले भारतीय थे। ओलंपिक के पुरुष हॉकी फाइनल में एक व्यक्ति द्वारा दागे गए अधिकतम गोलों का उनका विश्व रिकॉर्ड आज भी कायम है।
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