सेक्टर-9 में 9 मरीज चार को भेजा हायर सेंटर
ब्लैक फंगस के सेक्टर-9 अस्पताल में 9 मरीज हैं। जिसमें से चार संदिग्ध केस ऐसे हैं जिनकी रेपोर्ट आना बाकी है। इनमें से चार मरीज को हायर सेंटर में रेफर किए हैं और 9 का इलाज सेक्टर-9 में चल रहा है। 11 मई को एक मरीज की मौत हुई थी।
नए मरीज मिले पांच
जिला में ब्लैक फंगस के पांच नए मरीज मिले हैं। चिकित्सकों के मुताबिक टाउनशिप और पटरीपार, भिलाई से यह सभी केस हैं। इन मरीजों में एक मरीज शुरूआत में ही नेत्ररोग विशेषज्ञ के पास आ गया। जिसका उपचार किया जा रहा है। वहीं शेष तीन दूसरे स्टेज में पहुंच गए थे, जिसकी वजह से चिकित्सक ने उन्हें अस्पताल में दाखिल होने कहा है। इसी तरह से एक अन्य बीएसपी कर्मचारी भी इससे प्रभावित है, वह निजी अस्पताल में ऑपरेशन करवाने की तैयारी में है।
स्वस्थ्य विभाग कसा कमर
कोरोना से जूझ छत्तीसगढ़ सरकार ने अब नई बीमारी म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस से निपटने के लिए कमर कस लिया है। यह दुर्लभ किस्म की बीमारी कोरोना से उबरे मरीजों में तेजी से पनप रही है। इसका प्रकोप भिलाई के टाउनशिप और पटरीपार में भी देखने को मिल रहा है। इस बीमारी से अंधेपन का खतरा रहता है।
इस वजह से दवा हैं महंगी
ऐसे रोग जो पूरे देश में एक्का-दुक्के मिलते हैं, उनकी दवाएं कम ही होती है। जिसके कारण उनकी दवाओं का रेट अधिक होता है। ब्लैक फंगस की दवाएं व इंजेक्शन भी महंगे होते हैं। इस वक्त दवाओं की किल्लत है जिसको देखते हुए सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन हरकत में आया है। चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग को निर्देश दिया गया है। वहीं चिकित्सकों को इसके संबंध में सीनियर डॉक्टर जानकारी भी दे रहे हैं।
शुगर हो जाता है अनियंत्रित
शुगर के मरीज अगर कोरोना पॉजिटिव हो जाते हैं तब उनको कोरोना की दवा द जाती है। कोरोना की दवा से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिसके बाद इन मरीजों का शुगर अनियंत्रित हो जाता है। इसके बाद वे ऑक्सीजन के सपोट में रहते हैं। वहां से वे ठीक होकर लौट जाते हैं। तब कुछ मरीज ब्लैक फंगस से संक्रमित हो जाते हैं। जिसमें उनका साइनस, दिमाग, आंख और फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है। अंधे होने के साथ-साथ मरीज के मौत होने की आशंका भी रहती है।
क्या हैं ब्लैक फंगस के लक्षण
ब्लैक फंगस ज्यादातर उन मरीजों में देखा जा रहा है जो मधुमेह या डायबिटीज के रोगी हैं। ऐसे मरीजों को अपना शुगर का स्तर नियंत्रण में रखना चाहिए। म्यूकोरमायकोसिस के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, आंखों में दर्द, आंख का लाल होना, नाक बंद या साइनस और देखने की क्षमता पर आंशिक रूप से असर शामिल है। इन लक्षणों को हल्के में न लें, तुरंत ही डॉक्टर से कंसल्ट करें, जिससे शुरुआत में ही इसका इलाज हो सके। इसका समय पर उपचार नहीं होने से यह मस्तिष्क में असर करता है जिससे मरीज की जान भी जा सकती है।
सेक्टर-9 में चल रहा ९ का इलाज, चार की रिपोर्ट का इंतजार
बीएसपी के जनसंपर्क विभाग के मुताबिक सेक्टर-9 हॉस्पिटल में ब्लैक फंगस के 9 कनफर्म केस हैं। वहीं चार संदिग्ध केस ऐसे हैं जिनकी रेपोर्ट आना बाकी है। इनमें से चार मरीज को हायर सेंटर में रेफर किए हैं और 9 का इलाज सेक्टर-9 में चल रहा है। 11 मई को एक मरीज की मौत हुई थी।
ब्लैक फंगस के सप्ताहभर में आए चार मरीज
नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टर बीपी शर्मा ने बताया कि सप्ताहभर के भीतर ब्लैक फंगस के 4 मरीज आ चुके हैं। जिसमें से एक प्रारंभिक स्टेज में व अन्य आगे स्टेज में पहुंच चुके थे. इसलिए उनको हॉस्पिटल में दाखिल होने की सलाह दी गई है। कोरोना से संक्रमित मरीजों को खासकर जो शुगर पेसेंट हैं, वे शुगर नियंत्रण रखने में खास ध्यान दें।
दूसरी लहर में नजर आया इसका लक्षण
नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टर कोसरिया ने बताया कि चालीस साल से इस पेशे से जुड़ा हूं। अब तक अपने कार्यकाल के दौरान मैंने ब्लैक फंगस की शिकायत आए मरीज को नहीं देखा। कोरोना की पहली लहर में भी ब्लैक फंगस के मामले सामने नहीं आए थे। दूसरी लहर में इसके रोगी सामने आ रहे हैं। शुगर के मरीजों को अपना इस वक्त खास ध्यान रखना होगा।