मंगलवार को रजत पदक विजेता भारतीय टीम (Indian team)के सदस्य रहे भिलाई के शिखर सिंह (Volleyball player shikhar singh ) रायपुर लौटे और पत्रिका के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने का अनुभव शेयर किया। शिखर सिंह ने भारतीय टीम में मुख्य ब्लॉकर की भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि म्यांमार में आयोजित की गई चैंपियनशिप के सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान ने हमारी टीम को पहले सेट में 25-21 से हराकर सकते में डाल दिया था, जिसके कारण सभी टेंशन के साथ-साथ दबाव में आ गए। लेकिन, पाकिस्तान के खिलाफ जीत हासिल करने के जुनून के कारण और प्रशिक्षकों के सलाह से छोटी-छोटी गलतियों को सुधारकर जोरदार हम वापसी करने में सफल रहे।
अगले तीन सेटों में पाकिस्तान (Pakistan) को हराकर हमारी टीम ने फाइनल का टिकट कटा लिया। 19 वर्षीय शिखर ने बताया कि इंडिया कंैप के दौरान उसने अपने खेल में बहुत सुधार किया, जिसके कारण वह सीनियर अंडर-23 टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे। एशियन चैंपियनशिप मेंं सीनियर खिलाडिय़ों के साथ खेलने समय बहुत नर्वस थे, लेकिन दो-तीन मैचों के बाद वह अपने खेल के कारण टीम का मुख्य हिस्सा बनने में कामयाब रहे। (Bhilai sports News)
प्रदेश के 6.6 फुट लंबे खिलाड़ी शिखर सिंह देश के सबसे ज्यादा 3.5 मीटर ऊंचाई तक छलांग लगाने वाले खिलाड़ी हंै। यहीं, खासियत उन्हें भारतीय टीम का मुख्य खिलाड़ी बना दिया। इस खूबी के शिखर कई प्रमुख ब्लॉकर खिलाडिय़ों को पीछे कर टीम में मुख्य सदस्य बन गए। एशियन चैंपियनशिप में शिखर की तेजी और ऊंची छलांग के कारण विपक्षी टीम को अंक जुटाने में काफी मशक्कत करने पड़ी।
शिखर सिंह ने बताया कि फाइनल में भारत का मुकाबला चीन ताइपे से था। भारतीय खिलाड़ी विपक्षी टीम को ज्यादा टक्कर नहीं दे सके। चीन ताइपे ने काफी होमवर्क किया था, जिसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा और उनके स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया। भारतीय खिलाडिय़ों के विपक्षी टीम में खिलाफ ज्यादा एनालिसिस और होमवर्क नहीं कारण उन्हें बड़े मैचों में हार का सामना करना पड़ता है। भारतीय खेल संघों को भी वीडियो एनालिसिस रखने चाहिए।
छत्तीसगढ़ वालीबॉल संघ सचिव मो. अकरम ने बताया कि शिखर सिंह के खेल से प्रभावित होकर ओएनजीसी और तमिलनाडु सरकार से नौकरी देने के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन शिखर छत्तीसगढ़ में ही रहना चाहते हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh government) प्रदेश के उदीयमान खिलाड़ी को नौकरी देने के संबंध में जल्द विचार करना चाहिए। नौकरी न मिलने पर शिखर सिंह पलायन कर दूसरे राज्य या संस्थान में नौकरी के लिए जा सकते हैं। इसके बाद उसे भारतीय टीम में उसी संस्था या राज्य की ओर से खेलेंगे।
शिखर ने बताया कि वह पहले बॉस्केटबॉल खेलता था, लेकिन कुछ समय बाद उसने शौक के लिए वालीबॉल खेलना शुरू कर दिया। छत्तीसगढ़ वालीबॉल संघ के सचिव मो. अकरम खान और प्रशिक्षक एसपी सिंह ने अंतर जिला टूर्नामेंट में उसके खेल को देखा और उसे मेहनत करने के लिए कहा। उसके बाद 9-10 घंटे अभ्यास करना शुरू कर दिया। उसकी मेहनत रंग उस समय लाई और जब उसका चयन जूनियर एशियन चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम में हुआ। (Bhilai sports News)