लूपर इल्ली के हमले से पेड़ों की शाख से लेकर तने और उसके आसपास की जमीन की भी हरियाली गायब होने लगी है। अन्य कीटों की तरह ही ये भी रेंगकर चल रही हैं। ये इल्ली त्वचा के लिए बहुत हानिकारक है। शरीर के जिस भाग पर भी गिरते हैं, वहां लाल चकते हो जाते है। ज्यादा खुजलाने पर फफोले निकल आते हैं। इस पर जल्द नियंत्रण जरूरी है, नहीं तो इसकी संख्या तेजी से और गुणात्मक रूप से बढ़ती ही जाएगी।
दुर्ग के कृषि विस्तार अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया कि कृषि विज्ञान केंंद्र सरगुजा, पाहंदा आदि के विशेषज्ञों से इस संबंध में सलाह ली। अंजोरा स्थित केंद्र में इस इल्ली का परीक्षण कर संपूर्ण जानकारियां जुटाई गई। विशेषज्ञों ने आपसी राय के बाद इसके उन्मूलन के लिए कीटनाशक सुझाए हैं। प्रोफेनोफॉस प्लस साइफर के छिडकाव से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। प्रोपेनाफॉस इसे ऊपर आने से रोकता है और साइफर इल्ली पर अटैक कर इसके ग्रोथ को रोक देता है।
विशेषज्ञों के अनुसार पेड़ों पर कीटनाशक का छिड़काव फूट स्पेयर से करना ठीक होगी। इससे पूरे पेड़ की ऊंचाई तक दवा का छिड़काव हो सकेगा तथा दूरी बनी रहने से इल्ली को छिड़काव करने वाले के ऊपर गिरने का डर नहीं रहेगा।