फसल काट कर कर्ज चुकाना चाहता था पर अल्प वर्षा के कारण फलस खराब होने से वह परेशान था। सुखित मंगलवार को सुबह खेत चला गया था। सुबह वह सामान्य था। किसी ने नहीं सोचा था कि वह ऐसा आत्मघाती कदम उठा लेगा। ग्रामीण यह मान रहे हैं कि खेत में फसल की खराब हालत देखकर वह विचलित हो गया होगा। कर्ज चुकाने की चिंता में उसने ऐसा कदम उठा लिया। उसकी तीन संतान है। एक बेटी और दो बेटा। बड़े बेटे की शादी पहले हो चुकी है।
किसान सुखीत पटेल की मौत का कारण कर्ज नहीं होने का दावा जिला प्रशासन ने किया है। पाटन के एसडीएम प्रभाकर पाण्डेय का कहना है कि मौत का कारण कुछ और हो सकता है। सुखीत के परिवार में शामिल खाते में लगभग 1.50 एकड़ जमीन है। उसने गांव के अवधराम से तीन एकड़ में अधिया लेकर धान की खेती की है। खेत में नलकूप सुविधा भी है, जिसके कारण फसल की हालत अच्छी है। एसडीएम ने बताया कि सुखीत के पुत्र मिलन ने यह भी बताया कि परिवार में किसी तरह का झगड़ा अथवा विवाद नहीं है।
पुलिस भी यही कर रही है कि सुखित ने कर्ज के कारण आत्महत्या नहीं की है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक पूछताछ में परिवार के लोगों ने कर्ज के बारे में नहीं बताया है। पुलिस यह भी कह रही है कि सुखित शराब पीने का आदी था। प्रशासन और पुलिस यह कह रही है कि सुखित ने कर्ज के कारण आत्महत्या नहीं की है। कोई घरेलू विवाद भी नहीं था। अब सवाल उठता है कि फिर एक किसान क्यों खेत में जाकर क्यों आत्महत्या करेगा।
अधिया में कर रहा था खेती
ग्रामीणों ने बताया कि सुखित के पास खुद की करीब एक एकड़ जमीन है। वह अन्य किसानों का खेत रेग में लेकर खेती करता था। इस साल उन्होंनें गांव के अवधराम वर्मा का करीब चार एकड़ खेत अधिया में लेकर खेती कर रहा था। इस खेत में मोटर पंप है पर पानी कम है। उपर से बिजली न मिलने के कारण वह सिंचाई नहीं कर सका था।
जून में बघेरा के किसान ने की थी आत्महत्या
बघेरा दुर्ग में भी 12 जून को किसान कुलेश्वर देवांगन ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। तब किसान के चाचा शिव देवांगन ने कर्ज की परेशानी के कारण आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाए जाने की बात कह थी। इसे लेकर खूब हंगामा भी मचा था, लेकिन बाद में प्रशासन ने किसान के आत्महत्या करने की बात को खारिज कर दिया था। प्रशासन ने किसान व उसकी पत्नी के नाम साढ़े 10 एकड़ जमीन होने का हवाला दिया। यह भी कहा कि आत्महत्या के 15 दिन पहले मौजूदा सीजन की खेती के लिए सहकारी समिति से 20 हजार रुपए का लोन लेने लिया था।
एसडीएम पाटन प्रभाकर पांडेय ने बताया कि मैं मीटिंग में था, इसलिए प्रत्यक्ष मुआयना नहीं कर पाया हूं। संबंधित पटवारी को भेजकर किसान के फसल की जांच कराई गई है। इसमें किसान की फसल अच्छी पाई गई है। किसान के परिवार के लोगों ने भी कर्ज की जानकारी नहीं दी है। टीआई पाटन आरपी यादव ने बताया कि रूही के किसान सुखीत ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में परिवार के लोगों ने मृतक पर किसी प्रकार का कर्ज नहीं होने की बात कही है। मृतक को शराब का आदी होना बताया जा रहा है।