अक्टूबर से नहीं हुआ है भुगतान ठेकेदारों की ओर से अध्यक्ष त्रिलोकी सिंह ने कहा कि एचएससीएल की ओर से अक्टूबर 2018 से एक रुपए भुगतान नहीं हुआ है। इस दौरान वे अगर मजदूरों को वेतन दिए हैं, तो उधार लेकर भुगतान किए हैं। इसके खिलाफ वे अब सड़क की लड़ाई लडऩे को मजबूर हो गए हैं। हर दूसरे दिन प्रबंधन की ओर से तारीख पर तारीख मिल रही है।
6 हजार मजदूर करते हैं काम बीएसपी में एचएससीएल के करीब 6 हजार मजदूर काम करते हैं। इनको भुगतान एचएससीएल ठेकेदारों के माध्यम से करता है। जब से एनबीसीसी में एचएससीएल का मर्ज हो गया है, तब से इन मजूदरों को वक्त पर वेतन मिलना बंद हो गया है। ठेकेदार खुद कभी संस्था के सामने प्रदर्शन करते हैं, कभी उनके मजदूर आकर यहां नारा लगाते हैं।
कोलकाता से किया जा रहा संचालन
एनबीसीसी ने भिलाई के एचएससीएल ऑफिस में जरूर कुछ अधिकारियों को बैठाकर रखा है। यहां हकीकत यह है कि वर्तमान में बीएसपी से मिलने वाला चेक कोलकाता ऑफिस भेजा जाता है। वहां ठेकेदारों का बिल भी भेजते हैं। इसके बाद एनबीसीसी कोलकाता से चेक जारी करता है। इस प्रोसेस में ही समय अधिक लग रहा है।
मैसेंजर का काम कर रहे अधिकारी यहां के अधिकारी सिर्फ मैसेंजर का काम कर रहे हैं। वहां से मिलने वाले आश्वासन को यहां ठेकेदारों के सामने रख देते हैं। बाद में दबाव बनाने पर फोन कर वहां से दिशा-निर्देश लेते हैं। बार-बार इसकी वजह से विवाद की स्थिति बन रही है।