सीटू के महासचिव डीवीएस रेड्डी ने बताया कि एंबुलेंस करीब 20 मिनट में मौके पर पहुंच गई, लेकिन जहां पर कर्मचारी था, वहां तक स्टेचर पहुंच पाना संभव नहीं था। यह देखते हुए बीएसपी के दमकल वाहन को बुलवाया गया। घायल को फायर फाइटर ने कंबल में लपेट कर लेवल 5 से 3 में लेकर आया। इसके बाद लेवल 3 से लिफ्ट में लेकर नीचे आए। तब एंबुलेंस से मेन मेडिकल पहुंचाया गया।
घायल को मेन मेडिकल पोस्ट से सेक्टर-९ रेफर किया गया। सीटू के नेता योगेश कुमार सोनी, डीवीएस रेड्डी और अशोक खातरकर हॉस्पिटल साथ गए। जहां डॉक्टरों ने हाथ की स्थिति को देखते हुए, तुरंत आईसीयू में दाखिल किया। सूचना मिलते ही कर्मचारी हीरा लाला का परिवार भी हॉस्पिटल पहुंचा।
बीएसपी में लगातार दुर्घटना हो रही है। हाल ही में एक ठेका श्रमिक के पैर की पांच उंगलियां कट गई थी। अब नियमित कर्मचारी का सीधा हाथ कुचल गया है। महासचिव ने कहा कि प्रबंधन सुरक्षा से अधिक ध्यान गेट पर दे रहा है।
सीटू नेताओं ने कहा कि पिछले साल १० लाख टन रेल रोल कर डिस्पैच किए। इसके बदले प्रबंधन ने अनुशासन का यह तोहफा दिया है। गेट को ड्यूटी छूटने के समय को छोड़कर बाकी समय बंद रखा, लेकिन दुर्घटनाएं हैं कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है।
एसपी-3 में विस्तार योजना के दौरान मशीन 2 लाए हैं। यहां तक पहुंचना किसी दुर्गम स्थान तक पहुंचने से कम नहीं है। लिफ्ट हमेशा चालू रहना चाहिए। दुर्घटना के बाद इलेक्ट्रिकल विभाग ने ४० मिनट में जद्दोजहद कर शुरू किया।
सीटू ने कहा कि यह वही स्थान है जहां कंवेयर बेल्ट का हैंगिंग पीस काटते समय हूटर नहीं होने के कारण एक ठेका श्रमिक बिना हूटर बजे बेल्ट शुरू हो जाने से बेल्ट में फंस गया, जिससे उसकी मौत हो गई थी। उस दुर्घटना के बाद एक कमेटी गठित की, उसने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी। इसके बाद प्लांट के विभिन्न विभागों में कई दुर्घटना हुई। इसे रोकने प्रबंधन ने कोई पहल नहीं किया।