script8 माह की प्री मेच्योर्ड ट्विन बेबी को बीएसपी अस्पताल ने दिया नया जीवन | BSP hospital gave new life to 8-month pre-matured twin baby | Patrika News
भिलाई

8 माह की प्री मेच्योर्ड ट्विन बेबी को बीएसपी अस्पताल ने दिया नया जीवन

बीसऍसपी चिकित्सालय सेक्टर-9 की नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई नवजात शिशुओं के जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

भिलाईMay 19, 2018 / 10:14 pm

Satya Narayan Shukla

SAIL BSP

8 माह की प्री मेच्योर्ड ट्विन बेबी को बीएसपी अस्पताल ने दिया नया जीवन

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र का जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र सेक्टर-9 की नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई नवजात शिशुओं के जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2017-18 में यहां नवजात शिशुओं की मृत्युदर में लगभग 10.7 प्रति हजार लाइव बर्थ थी। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह मृत्युदर लगभग 26 प्रति हजार लाइव बर्थ है। इसी प्रकार बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल के नियोनेटल यूनिट के प्रयासों से अत्यधिक कम वजन वाले बच्चों (एक किलो से डेढ़ किलो वजन वाले बच्चे) का सर्वाइवल रेट 92 प्रतिशत से अधिक है।
यूनिसेफ ने कुछ लक्ष्य निर्धारित किए

ये आंकड़े अपने आप में नियोनेटल यूनिट के चिकित्सकों व स्टॉफ के क्वालिटी ट्रीटमेंट को बताते हैं। यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रन्स फंड्स (यूनिसेफ) ने विकसित देशों की श्रेणी में आने भारत के लिए नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं। यूनिसेफ द्वारा मिलेनियम डेवलपमेंट गोल (एमडीजी)/सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) के तहत वर्ष 2030 में भारत में नवजात शिशु मृत्युदर 12 प्रति हजार लाइव बर्थ का निर्धारण किया है।
संयंत्र के नियोनेटल यूनिट ने नवजात शिशु मृत्युदर 10.7 प्रति हजार लाइव बर्थ प्राप्त कर यूनिसेफ के इस वर्ष 2030 के लिए निर्धारित इस लक्ष्य को कहीं पीछे छोड़ दिया है। निदेशक प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ केएन ठाकुर के मार्गदर्शन तथा चिकित्सालय के निदेशकों डॉ संजीव इस्सर, डॉ एके गर्ग एवं डॉ अनुराग श्रीवास्तव की देखरेख में बीएसपी के नियोनेटल आईसीयू ने अनेक उपलब्धियां प्राप्त की।
सेक्टर-9 के कारण ही बच्चों की किलकारियां

नवजात शिशुओं के पिता भिलाई-3 निवासी ट्रांसपोर्टर जवाहरलाल यादव एवं उनकी पत्नी भारती बताते हैं कि हमारे जुड़वा बच्चों की यह 8 माह की प्री मेच्योर्ड डिलवरी थी। बच्चों को सांस लेने में तकलीफ होने के साथ ही इनका वजन 1400 ग्राम व 1300 ग्राम था। दोनों बच्चों की स्थिति बड़ी नाजुक बनी हुई थी। उनके बचने की उम्मीद छोड़ चुके थे। डॉ जी मालिनी और डॉ सुबोध साहा की टीम ने मेरे बच्चों को नया जीवन दिया है।

Hindi News/ Bhilai / 8 माह की प्री मेच्योर्ड ट्विन बेबी को बीएसपी अस्पताल ने दिया नया जीवन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो