यूनिसेफ ने कुछ लक्ष्य निर्धारित किए ये आंकड़े अपने आप में नियोनेटल यूनिट के चिकित्सकों व स्टॉफ के क्वालिटी ट्रीटमेंट को बताते हैं। यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रन्स फंड्स (यूनिसेफ) ने विकसित देशों की श्रेणी में आने भारत के लिए नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं। यूनिसेफ द्वारा मिलेनियम डेवलपमेंट गोल (एमडीजी)/सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) के तहत वर्ष 2030 में भारत में नवजात शिशु मृत्युदर 12 प्रति हजार लाइव बर्थ का निर्धारण किया है।
संयंत्र के नियोनेटल यूनिट ने नवजात शिशु मृत्युदर 10.7 प्रति हजार लाइव बर्थ प्राप्त कर यूनिसेफ के इस वर्ष 2030 के लिए निर्धारित इस लक्ष्य को कहीं पीछे छोड़ दिया है। निदेशक प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ केएन ठाकुर के मार्गदर्शन तथा चिकित्सालय के निदेशकों डॉ संजीव इस्सर, डॉ एके गर्ग एवं डॉ अनुराग श्रीवास्तव की देखरेख में बीएसपी के नियोनेटल आईसीयू ने अनेक उपलब्धियां प्राप्त की।
सेक्टर-9 के कारण ही बच्चों की किलकारियां नवजात शिशुओं के पिता भिलाई-3 निवासी ट्रांसपोर्टर जवाहरलाल यादव एवं उनकी पत्नी भारती बताते हैं कि हमारे जुड़वा बच्चों की यह 8 माह की प्री मेच्योर्ड डिलवरी थी। बच्चों को सांस लेने में तकलीफ होने के साथ ही इनका वजन 1400 ग्राम व 1300 ग्राम था। दोनों बच्चों की स्थिति बड़ी नाजुक बनी हुई थी। उनके बचने की उम्मीद छोड़ चुके थे। डॉ जी मालिनी और डॉ सुबोध साहा की टीम ने मेरे बच्चों को नया जीवन दिया है।