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भिलाई-चरोदा निगम, मेयर और सभापति पद पर कांग्रेस का कब्जा, भाजपा की नंदिनी को हराकर कांग्रेस के निर्मल बने महापौर

कांग्रेस के निर्मल कोसरे भाजपा की नंदिनी को हराकर मेयर पद पर काबिज हुए। वहीं सभापति पद पर भी कांग्रेस के कृष्णा चंद्राकर ने बड़ी जीत दर्ज की।

भिलाईJan 03, 2022 / 03:24 pm

Dakshi Sahu

भिलाई-चरोदा निगम, मेयर और सभापति पद पर कांग्रेस का कब्जा, भाजपा की नंदिनी को हराकर कांग्रेस के निर्मल बने महापौर

भिलाई-चरोदा निगम, मेयर और सभापति पद पर कांग्रेस का कब्जा, भाजपा की नंदिनी को हराकर कांग्रेस के निर्मल बने महापौर

भिलाई. भिलाई तीन-चरोदा नगर निगम के महापौर का फैसला आखिरकार हो गया। सोमवार को नवनिर्वाचित 40 पार्षदों ने गुप्त मतदान के जरिए महापौर और सभापति का चुनाव किया। कांग्रेस के निर्मल कोसरे भाजपा की नंदिनी को हराकर मेयर पद पर काबिज हुए। वहीं सभापति पद पर भी कांग्रेस के कृष्णा चंद्राकर ने बड़ी जीत दर्ज की। यहां भाजपा ने बहुमत नहीं होते हुए भी मेयर और सभापति के लिए अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा था। कांग्रेस के निर्मल कोसरे को मेयर के लिए 24 वोट और सभापति चंद्राकर को भी 24 वोट मिले। वहीं मेयर पद पर खड़ी भाजपा के नंदिनी जांगड़े को महज 16 वोट से संतोष करना पड़ा। बता दें कि कांग्रेस संगठन ने अपने 19 और 5 निर्दलीय पार्षदों को लेकर पहले ही बाड़ेबंदी कर रखी थी। क्रॉस वोटिंग से बचने नवनिर्वाचित पार्षदों को रायपुर में ठहराया गया था।
मेयर के नाम पर पहले ही बन चुकी थी सहमति
मेयर के नाम को लेकर कांग्रेस में पहले ही सहमति बन चुकी थी। सभापति को लेकर रस्साकशी जारी था। दो नाम आगे किए गए थे जिस पर सहमति नहीं बनी थी। इधर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भी कांग्रेस की कलह से अनजान नहीं थे। वे सीएम भूपेश बघेल और पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार के करीबियों में सभापति पद को लेकर खींचतान का फायदा उठाने में कोई चूक नहीं करना चाहते थे। इसलिए बहुमत नहीं होते हुए भी मेयर और सभापति के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा किया था। मेयर और सभापति के चुनाव के पहले जिला निर्वाचन अधिकारी दुर्ग कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने नवनिर्वाचित 40 पार्षदों को शपथ दिलाया। बतां दे कि भिलाई-चरोदा निगम पर पहले भाजपा का कब्जा था। लेकिन इस बार भाजपा बहुमत भी हासिल नहीं कर पाई।
भाजपा भी पार्षदों को लेकर गई अमरकंटक
मेयर चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी भी अपने पार्षदों को लेकर अमरकंटक के लिए निकल गई थी। भाजपा के नेता कांग्रेस के दावेदारों पर नजर रखे हुए थे। कांग्रेसी अगर मेयर या सभापति को लेकर दो खेमे में बंट जाते हैं तो उसका फायदा भाजपा उठाना चाहती थी। इसलिए भाजपा नेताओं की नजर कांग्रेस की हर गतिविधियों पर थी। इस उम्मीद में भारतीय जनता पार्टी संगठन भी पार्षदों को एक साथ लेकर भिलाई-चरोदा निगम दफ्तर सोमवार को पहुंचे। जहां पहले शपथ फिर मेयर और सभापति का चुनाव हुआ।

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