राज्य सरकार के डीए बढ़ा देने से कर्मियों को मिलने वाले वेतन में इजाफा हुआ है। बीएसपी में राज्य से निर्धानिरत न्यूनतम वेतन दिया जाता है, इस वजह से यह बीएसपी के हर मजदूर पर लागू होगा। अब इसे लागू करवाने के लिए प्रदेश सरकार के नुमाइंदे बीएसपी पहुंचेंगे।
बीएसपी में 25000 से अधिक ठेका मजदूर काम करते हैं। जिनको न्यूनतम वेतनमान तक ठेकेदार नहीं देते। इसको लेकर मजदूर कई बार विभाग के अधिकारी तक जाते हैं, लेकिन वे ठेकेदार के पक्ष में बातकर उनको बैरंग लौटा देते हैं। दूसरी ओर ठेकेदार को उक्त मजदूर का नाम बता दिए जाता है। जिसके बाद ठेकेदार उससे गेटपास छीनकर काम से निकाल देता है। इसकी वजह से मजदूर कम ही अधिकारी के पास जाते हैं।
मजदूरों को शासन से तय न्यूनतन वेतन मान दिया जा रहा है या नहीं। इस पर नजर बीएसपी के अधिकारी नहीं रखते। जिसकी वजह से मजदूरों को कम से कम मजदूरी ठेकेदार थमा देते हैं।
मैत्रीबाग में काम करने वाले मजदूरों को 18 माह से एडब्ल्यूए की राशि नहीं मिली है। उन्होंने इसको लेकर शिकायत प्रबंधन से की। इसके बाद भी अब तक वह पैसा ठेकेदार ने नहीं दिया है। नियम के मुताबिक जब तक ठेकेदार एडब्ल्यूए की राशि नहीं देता, तब तक उसका बिल पास नहीं होना है। बीएसपी में नियम व हकीकत दोनों के बीच बड़ा फासला है।
मैत्रीबाग के मजदूरों ने बताया कि उनको पिछले साल भी बोनस नहीं दिए थे। इस बार भी नहीं मिला है। बच्चों के लिए कपड़े लाने से लेकर घर का रंग-रोगन तक नहीं किया जा सका है। दीपावली इस बार फीकी रहेगी, क्योंकि हाथ में पैसा नहीं है। बीएसपी के आईआर विभाग को पत्र देने का कोई फायदा नहीं हुआ है। यह मामला उनके हाथ में ही है।
सीटू से ठेका प्रकोष्ठ के महासचिव योगेश सोनी ने कहा कि शासन ने डीए बढ़ा दिया है। अब कर्मियों को मिलने वाला कुल वेतन अधिक हो गया है। प्रबंधन से बात हुई है कि मजदूरों की मजदूरी पर किसी तरह से डंडी न मारी जाए। बीएसपी के अधिकारियों ने नजर रखने का भरोसा दिलाया है।
अकुशल मजदूर — 330 — 30.77 — 88.46 — 449
अर्ध कुशल — 345 — 30.77 — 88.46 — 464
कुशल — 375 — 30.77 — 88.46 — 494
अति कुशल – – 407 — 30.77 — 88.46 — 526