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भिलाई

बाइक की ठोकर से रिटायर्ड बीएसपी कर्मचारी की मौत, कोर्ट ने आरोपी पिता-पुत्र पर लगाया हर्जाना

बाइक की ठोकर से रिटायर्ड बीएसपी कर्मचारी की मौत के मामले में न्यायालय ने पिता-पुत्र को दोषी ठहराया है। न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर ने एक माह की मोहलत देते हुए प्रगति नगर निवासी वाहन चालक अमन तिवारी (18) व उसके पिता वाहन मालिक अनिल तिवारी समेत नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को 1 लाख 15 हजार जमा करने का आदेश दिया है।

भिलाईJul 12, 2019 / 12:28 am

Satya Narayan Shukla

durg

बाइक की ठोकर से रिटायर्ड बीएसपी कर्मचारी की मौत, कोर्ट ने आरोपी पिता-पुत्र पर लगाया हर्जाना

दुर्ग@Patrika. बाइक की ठोकर से रिटायर्ड बीएसपी कर्मचारी ( Retired BSP Employee) की मौत के मामले में न्यायालय ने पिता-पुत्र को दोषी ठहराया है। (Durg court decision) न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर ने एक माह की मोहलत देते हुए (Motor accident claim) प्रगति नगर निवासी वाहन चालक अमन तिवारी (18) व उसके पिता वाहन मालिक अनिल तिवारी समेत नेशनल इंश्योरेंस कंपनी (National Insurance Company) को 1 लाख 15 हजार जमा करने का आदेश दिया है। (Durg district court) इस मामले में रिटायर्ड कर्मचारी की पत्नी सेक्टर-5 निवासी ललिता देशमुख ने परिवाद प्रस्तुत किया था।
हानि के लिए 1 का गुणांक लागू होना बताया

फैसले में न्यायाधीश ने कहा कि मृतक प्रहलाद देशमुख की उम्र घटना के समय 78 वर्ष थी। इसलिए आश्रितता की हानि के लिए 1 का गुणांक लागू होना बताया। इस आधार पर आश्रितता के लिए 45 हजार निर्धारित किया। इसके अलावा अंतिम क्रिया कर्म के लिए 15 हजार,सुख संपदा की हानि के लिए 15 हजार और साहचर्य की हानि के मद में 40 हजार निर्धारित किया है। न्यायालय ने कहा कि हर्जाना अदा करने का प्रथम दायित्व बीमा कंपनी की है।
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यह है मामला
घटना 29 नवंबर 2017 सुबह 10.30 बजे सेक्टर 5 चौक भिलाई की है। रिटायर्ड बीएसपी कर्मचारी अपनी स्कूटी से गंतव्य स्थान के लिए घर से निकला था। इसी बीच बाइक की ठोकर से वह गंभीर रुप से घायल हो गया। घटना के बाद प्रहलाद देशमुख को स्थानीय लोगों की मदद से तत्काल सेक्टर-9 भिलाई अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
सुनवाई के दौरान पिता पुत्र का कहना था कि मृतक वृद्ध है। वह लापरवाही पूर्वक स्कूटी चला रहा था। स्वंय की गलती से गिरने की वजह से वह घायल हुआ। इस घटना में बाइक चालक व मालिक किसी तरह दोषी नहीं है।
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