जानकारी के मुताबिक यह घटना 13 अप्रैल 2013 की है, जहां 3 मई 2006 से प्रभारी प्रधान पाठक के रूप में पदस्थ बलदाऊ राम चंद्राकर की उन्हीं के स्कूल में पूर्व में पदस्थ शिक्षा कर्मी वर्ग-3 देहुति साहू व उनके मामा तुलसीराम साहू (पटवारी) ने पिटाई कर दी थी। शिकायत प्रभारी प्रधान पाठक ने थाना अंडा में दर्ज कराई थी। इसके बाद मामले की जांच हुई।
जांच में मामा तुलसी राम व शिक्षा कर्मी भांजी देहुति दोषी पाए। दुर्ग न्यायालय ने 27 जून 2019 को फैसला सुनाया और पटवारी मामा व शिक्षाकर्मी भांजी को 6 माह की कैद की सजा सुनाई थी।
शिक्षा कर्मी वर्ग तीन देहुति साहू अवैतनिक अवकाश ली थी। 13 अप्रैल 2013 को वह अवैतनिक अवकाश से वापस स्कूल ज्वाइनिंग करने पहुंची। उनके साथ पति व उनके पटवारी मामा भी आए थे। प्रभारी प्रधान पाठक बलदाऊ ने कहा कि आप बीईओ से ज्वाइनिंग संबंध में पत्र लिखवाकर कर ले आओ, फिर ज्वाइनिंग हो जाएगी। यह सुनकर देहुति भड़क गई और प्रभारी प्रधान पाठक को अपने मामा के साथ मिलकर मारपीट की। दोनों गाली-गलौज करने लगे। जिससे प्रभारी प्रधान पाठक के हाथ गले व सिर में चोट लगी।