अंबिकापुर सेंट्रल जेल में फैली थी महामारी, इसलिए गैंगस्टर तपन को तीन महीने तक शिफ्ट नहीं किया
गैंगेस्टर तपन को 23 अप्रेल को अंबिकापुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था, लेकिन दुर्ग केद्रीय जेल प्रबंधन ने आदेश को साढ़े तीन माह से दबाए रखा था।
अंबिकापुर सेंट्रल जेल में फैली थी महामारी, इसलिए गैंगस्टर तपन को तीन महीने शिफ्ट नहीं किया
भिलाई. गैंगेस्टर तपन सरकार उर्फ अभिताभ सरकार को जेल मुख्यालय ने २३ अप्रेल को अंबिकापुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था, लेकिन दुर्ग केद्रीय जेल प्रबंधन ने आदेश को साढ़े तीन माह से दबाए रखा था। गैंगस्टर के दबाव में आकर जेल प्रशासन ने उसे शिफ्ट नहीं किया। जब पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि जेल के अंदर से वह पूरा गैंग चला रहा है, तब जेल प्रशासन हरकत में आया और उसे आनन फानन में शिफ्ट किया गया। इस संबंध में जेल प्रशासन सफाई दे रहा है कि जिस जेल में उसे स्थानांतरित किया गया था वहां तीन माह से महामारी फैली हुई थी। जबकि अंबिकापुर जेल प्रशासन ने महामारी फैलने की बात को गलत बताया है। वहां के अधिकारियों के मुताबिक कई कैदी सामान्य बीमारी से पीडि़त थे। उनका इलाज कराया गया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सप्ताह भर के अंदर ही कंट्रोल कर लिया था।
बंधक जमीन को बेचने की शिकायत दुर्ग कोतवाली और सुपेला थाने में गुरुवार को शाम गैंगेस्टर तपन सरकार को अंबिकापुर सेंट्रल जेल के लिए रवाना किया गया। उस पर हत्या, मारपीट और अपनी दबंगई के बल पर जेल के अंदर से उगाही कर रहा था। इसके खिलाफ कई गंभीर अपराध है। उसके एक साथी सतीश चंद्राकर ने उसके खिलाफ 25 लाख रुपए उगाही और शासकीय बंधकशुदा जमीन को बेचने के लिए अनुबंध करने की शिकायत दुर्ग कोतवाली और सुपेला थाने में की है। दोनों मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज किया। दुर्ग रेंज महानिरीक्षक जीपी सिंह ने जांच के लिए अलग से एक टीम एसआइयू बनाई है। इस टीम की जांच में जेल के भीतर गैंगस्टर की चल रही हूकुमत का भंडाफोड़ हुआ।
जेल के अंदर एपिसोड शुरू हुआ, तत्काल तपन को कर दिए शिफ्ट आइजी जीपी सिंह ने एसआइयू से जांच कराने के बाद तपन गिरोह के चैनल को उजाकर किए। इसके बाद जेल प्रशासन हरकत में आकर उसे अंबिकापुर सेट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया।
जेल में आतंक मचाने वाले तपन के गुर्गो पर जेल प्रशासन का रहम जेल में कैद गंैगस्टर तपन सरकार के गुर्गे का राज चलता है। तपन अपने १२ गुर्गो को जेल के अंदर काम बांट रखा था। उसी के मुताबिक उसके गुर्गे आतंक फैला हुए हैं।
जानिए तपन के लिए जेल के अंदर प्रहरी क्या करते थे काम कैदी विद्युत चौधरी (बॉबी)- यह जेल में कैद तपन सरकार के लिए काम करता है। इसे जेल की अंदर की व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। सब्जी, राशन, गांजा, बीड़ी, सिगरेट, शराब आदि सामान आरोपियों को मुहैय्या कराता है।
कैदी पिताम्बर – जेल के अंदर तपन का विरोध करने वालों की पिटाई करता है। यह कैदियों में तपन का खौफ बनाए रखने का काम करता है। कैदी बच्चा भाई – जेल के अंदर अपराधियों को संरक्षण देता है। किसी भी अपराध के तहत जेल में आए अपराधियों से नकदी लेकर उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराता है।
कैदी राजू खंजर – कोई भी नया आरोपी जेल के अंदर आता है उसे औरत बनाकर रखता है। जिस भी खंड में जाता है वहां अप्राकृतिक कृत्य करता है। उसके लिए तैयार भी कराता है। मना करने पर आरोपी की पिटाई करता है।
कैदी सत्यन माधवन – यह सेक्टर एरिया के आरोपियों को पनाह देता है। जो भी आरोपी जाता है उन्हें सुविधाएं मुहैय्या कराता है। गोपनीय चीजें शेयर नहीं कर सकते दुर्ग जेल अधीक्षक योगेश क्षत्री ने कहा कि कैदी तपन सरकार को अंबिकापुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। उसे शाम को रवाना किया है। उसके गुर्गो के संबंध में कुछ नहीं बता पाएंगे। गोपनीय चीजें होती है, उसे शेयर नहीं कर सकते।
जेल में महामारी जैसी कोई बात नहीं राजेन्द्र गायकवाड़, अधीक्षक सेंट्रल जेल अंबिकापुर ने बताया कि जेल में महामारी जैसी कोई बात नहीं है। दो तीन लोगों को सामान्य बीमारी हुई थी। उसे ठीक कर लिया गया। कैदी तपन सरकार का शिफ्ट यहां किया जा रहा है उसका कोई आदेश अभी तक नहीं मिला है।
सीधी बात-कृष्ण कुमार गुप्ता, एडीजी जेल0-सवाल-तीन माह पूर्व से ही तपन को शिफ्ट करने का आदेश था, लेकिन जेल प्रशासन ने आदेश कापी को क्यों दबाए रखा? जवाब-आदेश की कॉपी दबाए रखना कहना गलत है। अंबिकापुर सेंट्रल जेल में महामारी फैल गई थी। इसके कारण तीन कैदियों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।वहां ९ कैदियों की अभी भी डायग्रोसिस चल रही है।
0-सवाल-अब प्रकरण सामने आया तो तीन माह के बाद क्यों शिफ्ट किया जा रहा? जवाब-तपन के खिलाफ हत्या जैसे कई गंभीर अपराध है। वह बड़ा कैदी है। प्रशासनिक आदेश पर ही उसे शिफ्ट करने के आदेश को होल्ड किया गया था। जैसे ही वहां पर स्थिति सामान्य होती उसे भेजा जाता। तब तक यह एपिसोड शुरू हो गया।
0-सवाल-जेल में पांच ऐसे कैदी है, जो आतंक मचा कर रखे हैं। जेल की शांति व्यवस्था बनाने के लिए उन कौदियों को क्यों नहीं शिफ्ट किया जा रहा? जवाब-हमें सभी के बारे में मालूम है। पांच नहीं १२ लोग है। इस संबंध में एसपी या जेल अधीक्षक से बात कर लीजिए।
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