विकास कार्य में बाधा बन रहा टेंडर घोटाला
प्रश्नकाल में पार्षद लावेश मदनकर ने सदन में सवाल उठाया कि निगम में जो टेंडर हो रहा है वह स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा से हो रहा है क्या। इसका जवाब अधिकारी दे नहीं पाए। इसके बाद पार्षद ने कहा कि ठेकेदारों का रिंग बनवाया जा रहा है, उनसे 3 से लेकर 5 फीसदी तक कमीशन लिया जाता है। जिससे जो काम 10 फीसदी कम रेट पर हो सकता है, वह दो से तीन फीसदी कम रेट पर हो रहा है। इतना ही टेंडर के लिए प्रतिस्पर्धा नहीं होने से निगम का एक-एक काम में अधिक राशि जा रहा है। अगर बिना रिंग के टेंडर हो तो हर काम को करने में आने वाले व्यय में 10 लाख की बचत होगी, जिससे दूसरे काम करवाए जा सकते हैं।
भाजपा पार्षद के सवाल पर भी सन्न रह गए अधिकारी
नगर पालिक निगम, भिलाई-चरोदा में 403 कुत्तों का बधियाकरण किया गया। यह बात सदन में रखी गई। इस पर वार्ड-11 से भारतीय जनता पार्टी के पार्षद तुलसीराम ध्रु ने कहा कि जब सूचना अधिकारी के तहत (आरटीआई) जानकारी मांगी गई तब 217 कुत्तों का बधियाकरण करने की बात कही गई। अब सदन में 403 बता रहे हैं दो लाख रुपए कहां खर्च किए। इस पर अन्य पार्षदों ने कहा कि हमारे वार्डों में तो कुत्तों का बधियाकरण किए नहीं, फिर कहां से 403 कुत्ते लेकर आए। इस बात को लेकर भी देर तक हंगामा चलता रहा। अधिकारी एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे।
पट्टे का नहीं हो पा रहा नवीनीकरण
1984 में पट्टों का वितरण किया गया था। वह 2014 में लेप्स हो चुका है इसका नवीनीकरण किया जाना था, लेकिन अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। पार्षदों ने इसको लेकर अधिकारियों को घेरा। सदन में सवाल किया कि पट्टे का नवीनीकरण नहीं किए जाने की वजह से जो लोग पीएम आवास योजना के बीएलसी के तहत अपना पक्का मकान बना सकते थे, उनको नहीं मिला। इसके लिए जिम्मेदार कौन है। इस पर अधिकारियों ने चुप्पी साध ली।
16 साल से आवासों का नहीं हुआ आवंटन
पार्षदों ने सदन में पूछा कि वाम्बे आवास योजना के तहत 2004 में वार्ड-14 में 100 मकान बनाए गए। उन मकानों को अब तक आवंटित नहीं किया गया। इस पर आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौर ने कहा कि मामला पेंडिंग है। पार्षद अवाक रह गए कि 16 साल के बाद भी जवाब वही मिल रहा है। इसी तरह से पीएम आवास के तहत एएचपी के 252 मकान तैयार किया गया है, लेकिन मिनी स्टेडियम और वसुंधरा नगर के समीप बसे लोगों को वहां शिफ्ट अब तक नहीं किया गया। जिसकी वजह से वह मकान जर्जर हो रहे हैं।
कब मिलेगा सवा लाख लोगों को पानी
पार्षदों ने पूछा कि जल आवर्धन योजना के हत खारून नदी से निगम क्षेत्र के करीब सवा लाख लोगों को पानी कब से मिलना शुरू होगा। इस पर आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौर ने कोविड-19 की वजह से काम में हो रही देरी की सफाई दी। इसके बाद कहा कि इनलेट और आउट लेट डाया चेंज करना होगा, अभी कुछ काम शेष है। पार्षदों ने कहा कि दिवाली में भी निगम क्षेत्र की सड़कें अंधेरे में गुम है। जहां से शिकायत आ रहा है पार्षद खुद अपने जेब से पैसा खर्च कर वहां प्रकाश की व्यवस्था कर रहे हैं। निगम इस काम को भी बंद कर रखा है।
अगली सामान्य सभा में होगा बजट पर चर्चा
भाजपा पार्षद सुषमा जेठानी ने कहा कि अधिकारियों का रवैया सहयोगात्मक नहीं रहता है। वार्ड में कोई बात हो तो अधिकारी पार्षदों को बताना तक जरूरी नहीं समझते। चुनकर जो पार्षद आए हैं, अधिकारियों को उनका सम्मान करना चाहिए। सदन में पार्षदों ने कहा कि लोक महत्व और बजट को लेकर अगली सामान्य सभा में चर्चा की जाएगी। प्लेसमेंट कर्मियों के कार्यकाल को बढ़ाने का विषय भी रखा गया। विषयसूची में वित्तीय वर्ष 2019-20 के पुनरीक्षित आय व्यय व वित्तीय वर्ष 2020-21 के अनुमानित आय-व्यय बजट पर अनुमोदन होना था।
यह विषय हो गए पास
सामान्य सभा में निहारिका व्यवसायिक परिसर में भूखंडो की निलामी की उच्चतम बोली राशि की स्वीकृति, विश्व बैंक कालोनी सेक्टर-3 में अर्धनिर्मित भवनों का आम निलामी से प्राप्त उच्चतम बोली राशि स्वीकृति, सफाई से जुड़े प्लेसमेंट एजेंसी के कार्यकाल को बढ़ाने, 14 वें वित्त आयोग से स्वीकृत कामों में सरल क्रमांक 11,14 के लिए निविदा आमंत्रित करने अनुमति दी गई। सदन का संचालन सभापति विजय जैन ने किया।
भिलाई-चरोदा निगम ने तैयार किया 42 लाख मुनाफे का बजट
नगर पालिक निगम, भिलाई-चरोदा ने करीब 42 लाख रुपए से अधिक के लाभ का बजट तैयार किया है। इस बजट पर सोमवार की सामान्य सभा में चर्चा होनी थी। पार्षदों ने कम समय में बजट पेश कर पास करने की कोशिश पर पानी फेर दिया। पार्षदों ने कहा कि पूरे शहर के विकास का मुद्दा है। उसे चंद मिनट चर्चा कर पास करने की कोशिश क्यों की जा रही है। पार्षदों का यह रूप देखकर मजबूरी में अगली बैठक तक इसे टालने का फैसला किया गया।
दो माह का वेतन नहीं मिला फिर कैसे लाभ का
पार्षद राजेश दाण्डेकर ने कहा कि अगर नगर पालिक निगम लाभ में चल रहा है, तब कर्मियों को दो माह का वेतन क्यों नहीं दिया गया। यहां हालात जिस तरह से बनाए जा रहे हैं उससे वेतन देने में दिक्कत आगे भी बनी रहेगी। क्षेत्र के विकास को लेकर जिस तरह से योजना बनाना चाहिए, वह काम नहीं किया गया। पार्षद अब घोटालों पर सवाल कर रहे हैं तो जिम्मेदार जवाब देने से भाग रहे हैं।
सिर्फ 45 मिनट में पास कर देते बजट
निगम में 3.15 बजे को बजट लाया गया। इस पर पार्षदों ने कहा कि शहर के विकास के मुद्दे पर सिर्फ 45 मिनट दे रहे हैं। महज 45 मिनट में शहर के विकास की चर्चा कैसे हो सकती है। बजट के लिए दूसरा दिन तय किया जाए। तब सारे पार्षद ने इस बात का समर्थन किया और आखिर बजट पेश नहीं किया गया।
4 माह पहले किया सवाल तब भी नहीं दिया जवाब
राजेश ने कहा कि 4 माह पहले भाजपा के ही एक पार्षद ने तालाब के गहरीकरण पर सवाल पूछा तो आज जवाब दिए वह जगह संयंत्र में है। पार्षद यह सुनकर हैरान रह गया। सफाई को लेकर पूछे गए सवाल का भी जवाब नहीं दिया। एमआईसी सदस्य लोक निर्माण प्रभारी किशोर साहू, स्वस्थ्य प्रभारी अपर्णा दास गुप्ता से इस वजह से इस्तीफा मांगा गया है। उन्होंने कहा कि सदन में बिना तैयारी के आ रहे है और लापरवाही से जवाब दे रहे हैं।