चंदखुरी के रामकृष्ण यादव ने भी गोबर बेचकर हुई आय से नई भैंस खरीदी है। रामकृष्ण कहते हैं यह बहुत अच्छी योजना है जिससे हम गौपालकों को अतिरिक्त आमदनी हो रही है। आगे उनका पिक अप खरीदने का विचार है।
सूरज यादव ने अतिरिक्त आमदनी के लिए छोटा सा होटल शुरू किया था, लेकिन लॉक डाउन में यह बंद हो गया। लॉक डाउन खुला तो व्यवसाय फिर से शुरू करने के लिए रुपए की जरूरत पड़ी। गोधन न्याय योजना के तहत उनके खाते में रुपए आए थे, जिससे जरूरी चीजें खरीदीं और होटल फिर से शुरू किया। सूरज ने 26 हजार का गोबर बेचा है।
चंदखुरी के कामता प्रसाद और शांतिबाई बताते हैं की गोबर बेचकर हुई आमदनी से उन्होंने अपने खटाल की मरम्मत करवाई है लंबे समय से उनका यह काम रुका हुआ था, गोबर बेचकर उनको करीब 28 हजार रुपए की आमदनी हुई थी।