निगम प्रशासन द्वारा पिछले दिनों अवैध प्लाटिंग की शिकायतों पर जांच कराई गई थी। इसमें शहर के आउटर्स में बिना अनुमति व टाउन प्लानिंग के एप्रूवल के बिना प्लाटो की खरीदी बिक्री व कॉलोनी विकसित करने का खुलासा हुआ था। इस पर इन कॉलोनाइजर्स को नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन कॉलोनाइजर्स द्वारा न तो जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत किए गए और न ही ठोस जवाब दिया गया। इस पर अब ऐसे कॉलोनियों के जमीन को अधिग्रहण की तैयारी की जा रही है।
0 गुरुप्रीत सिंह लूथरा कर्मचारी नगर – खसरा नंबर 1/300 व 3/474 रकबा 0.151 हेक्टेयर।
0 जर्नादन तिवारी, उमाकान्त तिवारी हेरिटेज पब्लिक स्कूल के पास हरिनगर कातुलबोर्ड – खसरा नंबर 16 /12, रकबा 0.559 हेक्टेयर।
0 कृष्णानंद कबरवाल सड़क 5/बी शांतिनगर – खसरा नंबर 16 /38 रकबा 0.08 1 हेक्टेयर।
0 देवकी साहू बोरसी – खसरा नंबर 246 /03 व 240, रकबा अस्पष्ट।
0 रणछोर भाई पटेल, नवीन कुमार पटेल स्टेशन चौक – खसरा नंबर 34/7 एवं 35/1 रकबा 0.148 हेक्टेयर।
0 तरुण कुमार गोलछा हॉस्पिटल वार्ड कोंडा गांव – खसरा नंबर 101/3 रकबा अस्पष्ट।
0 सोनसाय मंडले, कृष्णा मंडले बोरसी – खसरा 394/17, 394/4 व 38 1/16 रकबा 1.275 हेक्टेयर।
0 जानकी बाई कतमल मोहन नगर – खसरा नंबर 1319/3 व 1329/4 रकबा 0.222 हेक्टेयर।
0 मनोहर लाल बजाज लाखे नगर सारथी चौक पंडरी रायपुर – खसरा नंबर 6 3/8 , 6 5/9, 6 3/9, 6 5/10, 6 3/10, 6 5/11, 6 3/15, एवं 6 5/16 रकबा 0.06 हेक्टेयर।
0 सरला देवी स्वर्णकार – खसरा नंबर 242/2 रकबा 0.170 हेक्टेयर।
जमीन कारोबारियों द्वारा बिना अनुमति प्लाटिंग कर बिजली, पानी, सड़क आदि की व्यवस्था किए बिना आम लोगों को बेच दिया जाता है। यहां नगर निगम को सड़क बनाकर अन्य जरूरी सुविधाएं पहुंचानी पड़ती है। कॉलोनी विकसित होने के बाद सड़क की जमीन पर ठेकेदार दावा करते हैं। इससे निगम को नुकसान उठाना पड़ता है।
बिना अनुमति व ले आउट प्लाटिंग अवैध माना जाता है। भूमि का अधिग्रहण व प्रबंधन अधिनियम की धारा 292 ग व 292 (च) में ऐसे जमीन का अधिग्रहित कर शासकीयकरण का प्रावधान है। इसी के तहत पहले कारोबारियों को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जवाब नहीं दिए जाने पर अब एसडीएम न्यायालय में परिवाद दायर किया गया है।
बिना अनुमति व ले आउट की प्लाटिंग नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 , छग भूमि विकास अधिनियम 198 4 व ग्राम निवेश अधिनियम में भी अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में 5 साल सजा व 5 लाखरुपएतक जुर्माना का प्रावधान है।इस नियम के तहत काबोरियों के खिलाफजुर्म दर्ज कराने एसडीएम से अनुमति भी मांगी गई है।
कमिश्नर एसके सुन्दरानी ने बताया कि अवैध प्लाटिंग अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे जमीन को अधिग्रहित किए जाने का भी प्रावधान है। इसी के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। जल्द अन्य मामलों में भी कार्रवाई की जाएगी।