विधायक डॉ. सिंह ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को कार्यकर्ताओं को दिखाते हुए किसान और बकरी का किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि एक किसान की बकरी गुम हो जाती है। वह रास्ता चलते जितने भी मंदिर पड़ते, वहां भगवान से बकरी मिल जाने पर सौ रूपए का प्रसाद चढ़ाने की बात कहता। शाम को घर आने पर उसे बकरी घर में मिल जाती है तो वह यह कहकर प्रसाद चढ़ाने से मुकर जाता है कि बकरी तो घर में ही थी। डॉ. सिंह ने कहा कि इसी तरह कांग्रेस ने जिसने जो भी कहा, उसे घोषणा पत्र में शामिल कर लिया और अब इसे पूरा करना बड़ी चुनौती होगी।
कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने संगठन में बैठे लोगों की शिकायत की। कार्यकर्ताओं ने संगठन का चेहरा बदले जाने की मांग करते हुए कहा कि नए और उर्जावान लोगों को अब आगे लाने का वक्त आ गया है।
अपने जोरदार स्वागत के बाद डॉ. सिंह ने यह कहकर सबको ठहाके लगाने मजबूर कर दिया कि वे १५ साल मुख्यमंत्री रहे और कई बार राजनांदगांव आए, पर पहले क्यों ऐसा स्वागत उनका नहीं किया गया।
डॉ. रमन ने कहा कि वे राजनांदगांव में नियमित आएंगे। उन्होंने कहा कि पहले सीएम था तो कम आता था लेकिन अब विधायक हूं तो ज्यादा आउंगा।
डॉ. सिंह को स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय से काफी पहले रोका। वहां से वो लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए पैदल की भाजपा कार्यालय गए।
डॉ. सिंह के संबोधन के बीच बीच में भाजयुमो के युवा लगातार नारे लगाते रहे।
विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद डॉ. रमन अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहली बार पहुंचे। यहां पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने बाजे-गाजे और पटाखों की लडिय़ों के साथ उनका स्वागत किया। स्वागत के बाद भाजपा कार्यालय में डॉ. सिंह ने गुरू घासीदास के तैलचित्र पर माल्यार्पण किया और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
भाजपा कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए डॉ. रमन ने कहा कि हम विधानसभा चुनाव हारे हैं पर हिम्मत नहीं हारे हैं। उन्होंने कहा कि अब एक बार फिर मजबूती और ताकत के साथ खड़े होकर लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में डट जाएंगे। उन्होंने कहा कि वे अपनी १५ साल की सरकार की उपलब्धियों और केन्द्र सरकार की योजनाओं को लेकर पूरे प्रदेश में दौरा करेंगे और केन्द्र में भाजपा की सरकार बनाने के लिए मेहनत करेंगे।
विधायक डॉ. सिंह ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ में ही रहकर राजनीति करेंगे, केन्द्र में जाने का उनका फिलहाल कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां पार्टी को उनकी यहां जरूरत है। नेता प्रतिपक्ष को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब मेें डॉ. सिंह ने कहा कि इसे लेकर पार्टी फैसला लेगी।