इस मामले की जानकरी खोरबाहरा को 14 नबम्बर 2019 को हुई जब वह रुपए निकालने बैंक गया। खाते में राशि नहीं होने पर मामले की जानकरी पुलिस को दी। एएसपी डीएल पोर्ते ने बताया कि घटना 9 अगस्त से 8 नबम्बर 2019 के बीच की है। प्रार्थी खोरबाहरा राम डोंगरे 65 साल के घर आया बीमार बेटे के उपचार में मदद की। इस दौरान बेटे की मौत हो गई। मौत के बाद आरोपी को ही प्रार्थी ने एटीएम से पैसे निकालने पासवर्ड और अटोपी नंबर दिए थे। खोरबाहरा के मोबाइल से अपने मोबाइल में पेटीएम जनरेट कर खाते से राशि निकालते रहे।
आरोपी ने बताया कि वह जानबूझकर अपने दोस्त के पिता के करीबी बने और उनका भरोसा जीतकर एटीएम से राशि निकालते रहा। यह सब उसने यूट्यूब देखकर ही सीखा था। जब उसे रुपए की जरूरत पड़ती वैसे ही दुर्ग से वापस संजारी आकर दोस्त के पिता से मिलता और उनके की-पैड मोबाइल से ओटीपी नम्बर लेकर ऑनलाइन समान खरीदकर राशि जमा करते थे। यही नहीं ऑनलाइन रुपए का ट्रांसफर कर कीपैड मोबाइल में आए मैसेज को डिलीट कर मोबाइल वापस कर देता था। पैसे को भिलाई के मॉल, जोमेटो और आईपीएल में सट्टा लगाकर हार गया था।
एएसपी ने बताया मामला दर्ज होने के बाद आरोपी नितेश फरार हो गया था और दुर्ग के सिकोला में किराए का मकान लेकर रहने लगा। मोबाइल लोकेशन से जानकरी मिलने के बाद आरोपी को पकडऩे पुलिस टीम दुर्ग रवाना की जहां आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पूछताछ के बाद उसने अपना गुनाह कबूल लिया।
जिला प्रशासन ने साइबर क्राइम की बढ़ती घटना को देखते हुए जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान या करीबी व्यक्ति को भी एटीएम कार्ड, खाता नंबर, और एटीपी या पासवर्ड भूलकर भी ना दें। बैंक वाले कभी भी किसी खाताधारक से फोन पर सि संबंध में न तो पूछताछ करते हैं न ही जानकारी मांगते हैं।