21 मार्च को सुकमा में हुए माओवादी मुठभेड़ के बाद कोबरा बटालियन और छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस के बीच समन्वय को लेकर तनाव की स्थिति देखने मिली थी। पुलिस के आला अधिकारियों ने इस पर सवाल उठाया था। विवाद और तनाव की जानकारी मिलते ही दोनों ही फोर्स के उच्च अधिकारियों द्वारा संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया था। इस दौरान सीआरपीएफ डीजी और आंतरिक सुरक्षा सलाहकार ने माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन की सुकमा में समीक्षा की। साथ ही समन्वय के साथ संयुक्त रूप से ऑपरेशन चलाने के निर्देश भी दिए।
सुकमा के पिनमा में हुए मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ और डीआरजी के 17 जवान शहीद और 14 जवान घायल हो गए थे। इसके बाद से ही कोबरा बटालियन के कमांडेंट को बदलने की तैयारी चल रही थी। इस मुठभेड़ में दुर्ग संभाग के बालोद जिले के एसटीएफ जवान नारद निषाद भी शहीद हो गए थे। मुठभेड़ में घायल जवानों का फिलहाल रायपुर में उपचार चल रहा है।