पुलिस ने बताया कि अनिमेष के खाते से 180 से अधिक बार का लेन-देन मोबाइल वॉलेट केे लिए हुआ। इसमें 58 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन पेटीएम और यूपीआई से होने के संबंध में पुलिस को जानकारी मिली है। इसके अलावा 14 करोड़ के लेन-देन के दस्तावेज अभी नहीं मिले है। पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि इस तरह के लेन-देन माओवादियों के अर्बन नेटवर्क को मजबूत करने में किया जा सकता है। प्रारंभिक जानकारी में 50 लाख ही संदेह के दायरे में है। ऐसे लेन-देन और कई गुना बढऩे की आशंका है।
Read more: फेसबुक पर दोस्ती कर 12वीं की छात्रा की लूट ली अस्मत, अश्लील फोटो परिजनों को भेज करने लगा… अर्बन नेटवर्क से जुड़ा भिलाईमाओवादियों का शहरी नेटवर्क भिलाई से जुड़ा हुआ है। यहां के कई अस्पतालों में माओवादियों का उपचार होता रहा है। कुम्हारी, भिलाई तीन, जामुल, सेक्टर-6, सेक्टर-4 और अय्यपा नगर में पनाह लिए दुबके माओवादी पकड़े गए हैं। जिसका पुलिस ने पकड़कर खुलासा भी किया था। अनिमेष सिंह ने ठेकेदार हितेश चौबे के खिलाफ यश बैंक के अपने खाते का दुरुपयोग करने की शिकायत एसएसपी से की थी। जांच के बाद ख्ुार्सीपार पुलिस ने हितेश के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके बाद हितेश की शिकायत पर अनिमेष के खिलाफ भी धोखाधड़ी का मामजा पंजीबद्ध किया गया है।
Read more: छत्तीगसढ़ में बिना वीजा, पासपोर्ट के घूमते विदेशी नागरिक गिरफ्तार, दो महीने पहले घुसा था देश में …. दूसरी ओर राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (इओडब्ल्यू) भी इतनी बड़ी राशि के लेन-देन को लेकर जांच कर रही है। फिलहाल ट्रांजेक्शन करने वालों की पहली सूची में शहर के 37 लोग चिन्हित किए गए हैं। इनमें राजनीतिक दल से जुड़े लोग, ठेकेदार, व्यापारी, बीएसपी अफसर शामिल हैं। एडीजी इओडब्ल्यू व एसीबी जीपी सिंह ने इनमें से 6 लोगों से पूछताछ की है। बाकी को भी बारी-बारी से तलब किया जाएगा। अनिमेष के बैंक खाते से 52 लाख रुपए की मर्सिडीज जैसी महंगी व लग्जरी कार का भी भुगतान हुआ है। इसके अलावा शहर में दौड़ रही एक ही सीरीज नंबर की कारों के भुगतान के संबंध में भी पुलिस जांच कर रही है।
आशंका इसलिए भी
माओवादी इलाकों में सड़क और ट्रांसपोर्टिंग का काम ठेकेदारी पर होता है। भिलाई-दुर्ग के ठेकेदार वहां काम कर रहे है। इसलिए इस लेन-देन को ठेकेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है। दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि पेटीएम व यूपीआई से इतनी मोटी रकम लेन-देन करना संदेह के दायरे में है। माओवादियों के अर्बन नेटवर्क पर पेमेंट होने की आशंका है। इस दिशा में भी पूरी गंभीरता से जांच की जाएगी।