एक तरफ सरकार शिक्षा के प्रति जागरूकता के लिए तरह-तरह के अभियान चला रही है, वहीं दूसरी तरफ उच्च शिक्षा तक पहुंची महिला आईटीआई में शिक्षकों के अभाव में छात्राओं को कक्षाओं में बेकार ही बैठना पड़ रहा है। इसके चलते स्विईंग टेक्नोलोजी, स्टेनोग्राफर एंड सेक्रेट्रियल असिस्टेंड (हिंदी) व इलेक्ट्रोनिक्स मैकेनिक की 58 छात्राएं बिना पढ़े ही अपने घर वापस लौट जाती है। जबकि छात्राओं के 10 वीं और 12वीं कक्षा के समकक्ष कोर्स की नेशनल काउंसिल फॉर वैकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) परीक्षा 6 दिन बाद 19 जनवरी से शुरू हो रही है। जो 15 फरवरी तक चलेगी।
READ: ढोल की थाप पर भंगड़ा व गिद्दा, गूंजे लोहड़ी के गीत कई छात्राओं के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर भी अगस्त माह में तीनों ट्रेड में प्रवेश के दौरान छात्राओं की भारी भरकम फीस भी अदा की थी। लेकिन एक फोरमेन व दो रेगुलर अनुदेशकों की ड्यूटी मांडलगढ़ उपचुनाव में लगा देने से स्विईंग टेक्नोलोजी व इलेक्ट्रोनिक्स मैकेनिक की छात्राओं को बिना पढ़ाई किए ही घर लौटना पड़ रहा है।
READ: सामुदायिक चिकित्सालय के वार्ड में मोबाइल चार्ज करने आया युवक दंपति का मोबाइल ले उड़ा वहीं स्टेनोग्राफर एंड सेक्रेट्रियल असिस्टेंड (हिंदी) ट्रेड में मानदेय पर लगी एक गेस फैकल्टी अनुदेशक के भी 5 घंटे पूरे होते ही चले जाने से इस ट्रेड की छात्राओं को शाम 4 बजे ही कक्षा छोडऩी पड़ रही है। चुनाव का खामियाजा छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। इस बारे में संबंधित नोडल प्रिंसीपल प्रहलादकुमार बैरवा ने अनुदेशकों को चुनावी ड्यूटी से मुक्त करने को लेकर एक पत्र भी लिखा। लेकिन अभी तक छात्राओं की समस्या का कोई भी हल नहीं हो पाया है।
दो कमरों में संचालित महिला आईटीआई सरकार की बेरुखी के चलते राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (महिला आईटीआई) को 2 साल से अभी तक भवन उपलब्ध नहीं हो पाया है। हालत ये है कि महिला आईटीआई में पढऩे वाली 58 छात्राएं पुर रोड स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के दो कमरों में बैठने को मजबूर है। यहां महिला आईटीआई के लिए मात्र दो कमरे उपलब्ध करा रखे हैं, जिनमें एक कमरे में २६ छात्राओं के लिए स्टेनाग्राफर की कक्षा तथा दूसरे कमरे में 32 छात्राओं के लिए सिलाई व इलेक्ट्रोनिक्स की दो कक्षाएं संचालित हो रही है। कुवाड़ा रोड पर संस्थान के भवन की झर्झर हालत के चलते सरकारी घोषणा के बाद पुर रोड स्थित आईटीआई परिसर में महिला आईटीआई भवन निर्माण के लिए जमीन आवंटित की गई। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा कार्य स्वीकृति जारी नहीं करने से भवन निर्माण का कार्य अधर झूल में ही लटका है।
छात्राओं की पढ़ाई हो रही बाधित
स्टाफ की चुनाव में ड्यूटी लगी होने से छात्राओं की पढ़ाई बाधित तो होगी। महिला आईटीआई के नए भवन का पीडब्ल्यूडी ने वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया है। भवन बनकर तैयार हो जाता है तो केंद्र को शिफ्ट कर दिया जाएगा।
ओमप्रकाश स्वर्णकार, समूह अनुदेशक, आईटीआई भीलवाड़ा।
स्टाफ की चुनाव में ड्यूटी लगी होने से छात्राओं की पढ़ाई बाधित तो होगी। महिला आईटीआई के नए भवन का पीडब्ल्यूडी ने वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया है। भवन बनकर तैयार हो जाता है तो केंद्र को शिफ्ट कर दिया जाएगा।
ओमप्रकाश स्वर्णकार, समूह अनुदेशक, आईटीआई भीलवाड़ा।