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भीलवाड़ा

रोडवेज की दो दिवसीय हड़ताल बेमियादी में हुई तब्दील, उद्योग जगत से लेकर आम यात्री तक सब बेहाल, नहीं सुन रही सरकार

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भीलवाड़ाJul 27, 2018 / 01:59 pm

tej narayan

Roadways transformed in a two-day strike indefinite in bhilwara

Roadways transformed in a two-day strike indefinite in bhilwara

भीलवाड़ा।
हर पंद्रह मिनट में जिस रोडवेज डिपो पर बस आती है वह परिसर बिल्कुल सूना दिखाई दिया। रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल तीसरे दिन शुक्रवार को बेमियादी हड़ताल में तब्दील हो गई। सुबह-सुबह कर्मचारियों ने एक गाड़ी की हवा निकाल उसे गेट पर तिरछा खड़ा कर दिया। बाद में उसे जैक के सहारे खड़ा कर ताश खेलने में मशगूल हो गए।
निगम को करीब 36 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। केंद्रीय बस स्टैंड पर यात्री आए लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिली। प्रदेशव्यापी आह्वान पर रोडवेज में हड़ताल इसलिए हो रही है क्योंकि कर्मचारी रोडवेज के निजीकरण को बढ़ावे का विरोध कर रहे हैं। सरकारी नीतियों के खिलाफ कर्मचारी हड़ताल पर उतरे तो बसों के चक्के थम गए। करीब सौ से ज्यादा बसें भीलवाड़ा डिपो कही नहीं चली। इससे यात्री परेशान हुए। प्रदेशव्यापी हड़ताल के कारण रोडवेज बसों का संचालन बंद रहने से निजी बसों व रेलवे स्टेशन पर भीड़ नजर आई।
निजी बसों में छतों पर बैठकर जा रहे यात्री

राजस्थान रोडवेज संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक मनोहरलाल शर्मा आदि पदाधिकारियों ने बताया कि भीलवाड़ा आगार से तीन सौ कर्मचारी आंदोलन में भाग ले रहे हैं। इस बीच कर्मचारियों ने बस स्टैंड परिसर में ही धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें सरकार की नीतियों का विरोध किया गया।

कर्मचारियों की अनदेखी कर रही सरकार

हड़ताल में शामिल रोडवेज कर्मचारियों ने बताया कि वर्ष-2015 से ही सेवानिवृत हुए कर्मचारियों के परिलाभ सरकार ने नहीं दिए है। नई बसों को खरीदने की अनुमति नहीं दी जा रही है। निजीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। बस स्टैण्ड का निजीकरण करने को बढ़ावा दे रहे हैं। कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं होता। ना ही अन्य लाभ दिए जा रहे। कर्मचारियों को 15 से 18 घण्टे ड्यूटी कराई जाती है। ओवरटाइम का भुगतान नहीं किया जाता है। इससे कर्मचारी परेशान हो गए है।

और इन्होंने बढ़ा दिया किराया

जयपुर, जोधपुर, उदयपुर आदि के लिए निजी बसों ने किराया बढ़ा दिया है। जयपुर जा रहे एक यात्री ने बताया कि वे पहले ट्रेवल्स बस में रात को चार सौ रुपए में गए थे। अब कोई पांच सौ तो कोई छह सौ रुपए मांग रहे हैं।

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