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जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मरीज के साथ भी दगा

locationभीलवाड़ाPublished: Aug 04, 2019 08:37:03 pm

Submitted by:

Suresh Jain

हार्ट अटैक रोगी के लिए स्ट्रेचर देने से किया इनकार। आसींद से रैफर होकर एमजीएच आया था मरीज

Tragedy between the patient swinging between life and death bhilwara

Tragedy between the patient swinging between life and death bhilwara

भीलवाड़ा।
Mahatma Gandhi Hospital महात्मा गांधी चिकित्सालय में हृदघात के रोगी तक को स्ट्रेचर देने से इनकार कर दिया गया। दरअसल, रविवार शाम आसींद से रैफर किए गए इस रोगी के परिजनों को उस समय धक्का लगा, जब अस्पताल में महिला कर्मचारी ने पहले तो मरीज को वार्ड तक पहुंचाने के लिए स्ट्रेचर देने से मना कर दिया। बाद में व्हील चेयर दी, लेकिन इस शर्त पर कि मरीज को छोडऩे के बाद वापस लाकर उसी जगह रखे।
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Mahatma Gandhi Hospitalमेडिकल कॉलेज का अंग बन चुके जिले के सबसे बड़े चिकित्सालय में आसींद से लक्ष्मणदास पुत्र खेमचंद सिंधी (६२) को दिल का दौरा पडऩे पर रैफर किया गया था। परिजन उसे भीलवाड़ा में फिजिशयन डॉ. अरुण गौड़ के घर दिखाने ले गए। डॉ. गौड़ ने मरीज को तत्काल कार्डिक केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती कराने को कहा। भतीजा दीपक मरीज को लेकर चिकित्सालय पहुंचा। आपातकालीन कक्ष में चिकित्सक ने भर्ती फार्म तैयार कर मरीज को सीसीयू में ले जाने को कहा। दीपक स्ट्रेचर तलाशने लगा, लेकिन नहीं मिला। वहां कार्यरत एक महिला कर्मचारी से कहा तो उसने स्ट्रेचर नहीं होने की बात कही। फिर वहां पड़ी व्हील चेयर मांगने पर कर्मचारी ने कहा कि इसे वापस यहीं लेकर आना, जबकि अस्पताल में आए मरीज को वार्ड तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उसी कर्मचारी की थी।
गौरतलब है कि हाल ही अस्पताल प्रशासन ने घोषणा की थी कि अब मरीजों के परिजन को स्ट्रेचर खींचने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए दस कर्मचारियों को खास वर्दी के साथ लगाया गया है। इस घोषणा के बाद भी हालात नहीं बदले।
नहीं मिला कोई साधन
मेरे अंकल लक्ष्मदास को हार्ट अटैक आने पर चिकित्सक के घर दिखाया था। अस्पताल में मरीज को वार्ड में ले जाने का साधन नहीं मिला। व्हीलचेयर पर बैठाकर मैं खुद ही वार्ड में ले गया था। कोई कर्मचारी मेरे साथ नहीं आया।
दीपक सिन्धी, मरीज का भतीजा
लापरवाह के खिलाफ करेंगे कार्रवाई
आसींद का रोगी आया था। उसे सीसीयू में भर्ती के लिए अस्पताल भेजा। महिला कर्मचारी मरीज को स्ट्रेचर या व्हील चेयर पर क्यों नहीं ले गई, जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. अरुण गौड़, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, महात्मा गांधी चिकित्सालय
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