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भीलवाड़ा

जो पानी आप पी रहे, उन टंकियों की नहीं हो रही सफाई, भारी पड़ सकती है लापरवाही

राजस्थान पत्रिका टीम ने बुधवार को जिलेभर में टंकियों का जायजा लिया इसमें खुलासा हुआ है कि

भीलवाड़ाMay 17, 2018 / 03:34 pm

tej narayan

Water can be deadly in bhilwara

Water can be deadly in bhilwara

भीलवाड़ा ।
जो पानी आपके घरों में आ रहा है वह शुद्ध है या नहीं, यह जांचने के लिए राजस्थान पत्रिका टीम ने बुधवार को जिलेभर में टंकियों का जायजा लिया। इसमें खुलासा हुआ है कि कहीं टंकियों के ढक्कन टूटे हुए है तो कहीं पानी में बदबू आ रही है। छह माह में टंकियों को खाली कर सफाई करने का नियम है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है।
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टंकियों पर सुरक्षा के भी कोई इंतजाम नहीं है। यह हालात केवल गांवों के नहीं बल्कि शहर के भी है। एक दिन पहले ही कोटड़ी के इटावा गांव में पेयजल टंकी में कीटनाशक डालने से 13 जने बीमार हो गए थे। इसके बाद विभाग ने जांच के निर्देश दिए है।
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दो साल से नहीं हुई सफाई
शहर के बापूनगर स्थित जलदाय विभाग परिसर में पहुंचे और एक टंकी देखी। इस पर सफाई की दिनांक 21 जून 2016 लिखी हुई थी। इसके गंदगी थी। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि बहुत समय से सफाई नहीं हुई। इसी तरह बीमा अस्पताल परिसर स्थित टंकी की भी निर्धारित समय पर सफाई नहीं होती है। यह लापरवाही किसी दिन जनता पर भारी पड़ सकती है। कई बार बदबूदार पानी आने पर शिकायत भी करते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
फोटो खींचे तो दौड़े अधिकारी
मांडल जलदाय विभाग की टंकियों की साफ-सफाई की दिनांक नहीं थी। जब बुधवार को संवाददाता ने फोटो खींचे तो इसकी जानकारी मिलते ही जलदाय विभाग के अधिकारी तुरंत सुध लेने पहुंच गए।
दोपहर बाद टंकियों पर सफाई की दिनांक लगा दी गई। लेकिन ये स्पष्ट नहीं था कि केवल तारीख बदली या उनकी सफाई भी हुई। यक्षणी माता मन्दिर पर बनी टंकी पर सफाई की दिनांक ही नहीं लिखी हुई थी। तालाब की पाल के पास व जलदाय विभाग के कार्यालय के अन्दर बनी टंकियों पर आठ माह पूर्व की तारीख अंकित थी। विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि गत माह टंकियों की सफाई हुई थी। तारीख लिखना भूल गए।
टूटा मिला ढक्कन
करेड़ा
कस्बे के कुण्ड गेट स्थित पानी की टंकी का ढक्कन हमेशा खुला ही रहता है। कस्बे की अन्य टंकियों की सफाई भी समय पर नहीं होती। जबकि हर छह माह में टंकी की सफाई का प्रावधान है। इस बारे में माण्डल सहायक अभियन्ता महेश नारायणीया ने कहा कि कुण्ड गेट की टंकी का ढक्कन जल्द ही बदल दिया जाएगा। टंकी पर लगी सीढ़ी को भी हटाया जाएगा।
टंकी बनने के बाद नहीं हुई सफार्ई

बीगोद. कस्बे की टंकी में कीड़े पड़े हुए मिले। पानी के लिए बनाई गई टंकियों के निर्माण के बाद से ही सफाई नहीं हो रही है। पंचायत रखरखाव व सफाई की जिम्मेदारी नहीं लेती है। यहां ऐसे में वार्डवासियो को ही टंकियों का रखरखाव व सफाई करनी पड़ती है। परन्तु वार्डवासी भी टंकियों की सफाई नही करते है। इन टंकियों की सफाई 4 से 5 वर्ष बीत जाने पर भी नही हो पाई है। हर साल टंकी पर सफाई की तारीख लिख दी जाती है परन्तु सफाई नही होती है।

गर्मी का मौसम आने के साथ ही टंकियों पर तारीख बदल जाती है। सफाई नही होती। स्थानीय पुलिस थाने के पास कंजर बस्तीवासियों ने बताया कि टंकी का निर्माण हुए पांच वर्ष हो गए। एक बार बस्तीवासियों ने सफाई की थी। उसके बाद हर साल टंकी पर सफाई की तारीख लिख दी जाती है परन्तु सफाई नहीं होती।
कई सालों से टंकियों की सफाई करते हुए किसी कर्मचारी को नहीं देखा
अमरगढ़ कस्बे में पेयजल सप्लाई के लिए तीन टंकी पानी की बनी हुई है, लेकिन जब पत्रिका की टीम ने तीनों टंकियों का सर्वे किया तो ग्रामीणों ने बताया कि हमने पिछले कई सालों से टंकियों की सफाई करते हुए किसी कर्मचारी को नहीं देखा।
ग्रामीणों का कहना है टकियों को बने कई साल हो गए। दो दिन पहले ट्रांसफार्मर खराब होने की वजह से गांव में पानी की समस्या ज्यादा बढ़ गई। बहुत सी ग्रामीण महिलाओं को हैंडपंप का सहारा लेना पड़ा।
सात माह से नहीं हुई सफाई
मांडलगढ़ क्षेत्र में जलदाय विभाग जिन पानी की टंकियों से आपूर्ति करता है , उनमें से वार्ड नंबर 7,8,9,10, 11 एवं 12 के कुछ हिस्से में जिन पानी की टंकियों से जल आपूर्ति की जा रही है। उन पर टंकी की सफाई की तारीख एक पर 6 अक्टूबर 17 एवं दूसरी पर 4 अक्टूबर 17 अंकित की गई है। इस आधार पर इन टंकियों की सफाई किए हुए लगभग 7 महीने 15 दिन पूरे हो रहे है। इस बारे में पीएचईडी के कनिष्ठ अभियंता आनंद कुमार का कहना है कि टंकियों की सफाई अप्रेल में करवा दी थी। तारीख नहीं लिखी।
नहीं हो रही नियमित सफाई
बड़लियास कस्बे में धोला भाटा स्थित एकमात्र हैडपंप में भी मटमैला पानी आता है। रैगर मौहल्ले में कई नल कनक्शनो में मात्र हवा आती हैं तो कुछ कनेक्शनों में मात्र दो तीन बाल्टी पानी की आपूर्ति होती हैं।
वह भी 48घंटे के अंतराल में। उपभोक्ता कालूराम रैगर, कमलेश सोनी, सोहनलाल जोशी, मूल चंद रेगर, राजेश कुमार आदि ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में पानी के स्त्रोत होने पर भी पेयजल आपूर्ति करने का अन्तराल बढाने व कम दबाव में जलापूर्ति देने से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टंकियों की सफाई भी नियमित नहीं हो रही है।
ढक्कन खुला रहता है
बरून्दनी कस्बे में दो टंकियां चामुण्डा माता मन्दिर के समीप बनी हुई है। एक टंकी बरून्दनी के किले के दक्षिणी छोर पर तथा एक ओवर हैड टंकी गाडरी मोहल्ले में है। बुधवार दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर चामुण्डा माता के मन्दिर के समीप बनी दो टंकियों की स्थिति मौके पर जाकर देखी तो पता चला कि इनकी सफाई हुए कई माह बीत गए।
दोनों टंकियों पर सफाई की दिनांक अंकित नहीं थी। टंकियों के आसपास झाडिय़ां, आक के पौधे उगे थे। एक टंकी में ढक्कन ही नहीं था। उसे हटे कई माह बीत गए। टंकी की सुरक्षा के कोई प्रबन्ध नहीं दिखे। दूसरी टंकी का ढक्कन तो था, लेकिन वह भी अव्यवस्थित पड़ा मिला।

जलदाय विभाग के निर्देश है कि जो भी टंकियां है उनकी छह माह में सफाई होनी चाहिए। इसमें बकायदा दिनांक लिखा होना जरूरी है। साथ ही सुरक्षा के भी निर्देश दे रखे हैं। इसके बावजूद भी कहीं खामी है तो इसे दूर करवाया जाएगा।
प्रकाशचंद्र गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग

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