बाढ़ के साथ बहकर कस्बे तक आ गया विशालकाय मगरमच्छ
शासकीय महाविद्यालय अटेर के परिसर के बड़े गड्ढे में ग्रामीणों ने किया सुरक्षितशनिवार की सुबह आएगी चंबल सेंचुरी की रेस्क्यू टीम
शासकीय महाविद्यालय अटेर के पास बड़े गड्ढे में फंसा मगरमच्छ।
कदौरा (अटेर). चंबल नदी में मंगलवार को कोटा बैराज से 3.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिए जाने के कारण आई बाढ़ का पानी कस्बे तक आ गया, जिसमें चंबल सेंचुरी से मगरमच्छ भी आबादी इलाके में पहुंच गए हैं। शुक्रवार को सुबह बाढ़ का पानी कम होने के बाद जब ग्रामीणों ने कस्बे के शासकीय कॉलेज के पास भरे पानी में मगरमच्छ को तैरते देखा तो दहशत में आ गए। ग्रामीणों द्वारा इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस, वन तथा चंबल सेंचुरी के अधिकारियों को दी गई है। चंबल सेंचुरी प्रबंधन द्वारा शनिवार को सुबह मगरमच्छ का विशेष टीम भेजकर रेस्क्यू कराया जाएगा।
कस्बे में मगरमच्छ आ जाने की जानकारी होते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों का हुजूम मगरमच्छ को नजदीक से देखने के लिए उमड़ पड़ा। मगरमच्छ की लंबाई लगभग 8 फीट है जो नदी का पानी अचानक उतर जाने के कारण अटेर दुर्ग के पास स्थित शासकीय महाविद्यालय के पास एक बड़े से गड्ढे में फंसा रह गया है। शुक्रवार को चंबल नेशनल घडिय़ाल सेंचुरी के अटेर-बरही प्रभारी सलीम खान मौके पर पहुंच गए तथा उन्होंने स्थिति का जायजा लेकर सेंचुरी के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। मगरमच्छ एवं उसके हमले से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए गड्ढे के पास दो पुलिस जवानों को तैनात कर दिया गया है।
शनिवार की सुबह होगा मगर का रेस्क्यू
डिग्री कॉलेज गेट के पास गड्ढे में फंसे मगर को निकालने के लिए चंबल नेशनल घडिय़ाल सेंचुरी मुरैना की टीम शनिवार की सुबह अटेर पहुंचेगी और मगरमच्छ का रेस्क्यू करेगी। उसे गड्ढे से सुरक्षित बाहर निकालकर एक किमी की दूरी पर स्थित चंबल नदी में छोड़ा जाएगा।
कथन
हमारे कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं। अगर रात तक मगरमच्छ स्वयं नहीं निकला तो शनिवार की सुबह सेंचुरी की रेस्क्यू टीम की मदद से मगरमच्छ को बाहर निकालकर नदी में पहुंचाया जाएगा।
जगदीश त्रिवेदी, रेंजर, चंबल नेशनल घडिय़ाल सेंचुरी मुरैना