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सीवरेज प्रोजेक्ट के निर्माण की होगी उच्चस्तरीय जांच

प्रभारी मंत्री ने कलक्टर को जांच कमेटी गठित कर १५ दिनों में जांच प्रतिवेदन देने के दिए निर्देश

भिंडFeb 13, 2019 / 05:54 pm

Rajeev Goswami

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सीवरेज प्रोजेक्ट के निर्माण की होगी उच्चस्तरीय जांच

भिण्ड. नगर पालिका द्वारा अमृत योजना के तहत शहर में बनाई जा रही लगभग ३३० करोड़ रुपए की सीवरेज परियोजना में अनियमितताओंं व घटिया निर्माण की अब जांच होगी। यह जांच कलक्टर द्वारा गठित जांच कमेटी द्वारा आगामी १५ दिनों के भीतर की जाएगी।
वार्ड १३ की कांग्रेस पार्षद एवं नपा की नेता प्रतिपक्ष आशा रतनचंद जैन ने इस संबंध में भिण्ड केप्रभारी मंत्री आरिफ अकील से विस्तृत शिकायत की है जिसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जिलाधीश छोटेसिंह को तत्काल अनुकूल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आशा रतनचंद जैन ने बताया कि वे सीवरेज प्रोजेक्ट के निर्माण में हो रहीं अनियमितताओं तथा खोदी गई सडक़ों, नाले-नालियों, पेयजल की लाइनों, पुलियों आदि की तत्काल मरम्मत न किए जाने के खिलाफ लंबे समय से शिकायत कर रही हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मप्र के कार्यपालन यंत्री द्वारा शिकायत को निर्माण कार्य की स्थल जांच में प्रमाणित पाए जाने के बावजूद अब तक निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित नहीं की गई है। ठेकेदार फर्म को अब तक लगभग १० करोड़ रुपए का नगर पालिका द्वारा रनिंग भुगतान किया जा चुका है। शहर के जिन वार्डों के गली मोहल्लों में सीवरलाइन बिछाने के लिए सडक़ों, नाले नालियों व पुलियों को खोदा जा रहा है, उनका नियमानुसार तत्काल पुननिर्माण (रेस्टोरेशन) नही किया जा रहा है जिससे शहरवासियों को आवागमन में परेशानी हो रही है तथा दुर्घटनाएं हो रही हैं।
२०१९ तक पूरा होना है पहले फेज का काम : यहां बतादें कि सीवरेज परियोजना की कुल लागत ३२७.२६ करोड़ रुपए है। फिलहाल पहले चरण का काम हो रहा है जिस पर ९२.४१ करोड़ रुपए व्यय होंगे। इसमें शहर के समस्याग्रस्त इलाकों को शामिल किया गया है। परियोजना में शहर को ५ जोन में बांटा गया है। पहले चरण में जोन नंबर एक व जोन नंबर ५ को शामिल किया गया है। जोन-1 में गौरी तालाब को गंदे पानी से मुक्त करने के लिए सरोवर के दक्षिणी तट पर एक पंपिंग स्टेशन का निर्माण प्रस्तावित है। उक्त गंदे पानी को पंप के माध्यम से जोन-5 में प्रस्तावित सीवरेज ट्रीटर्मेट प्लांट (एसटीपी) में ले जाया जाएगा जहां जोन-1 एवं जोन-5 से आने वाले गंदे पानी को स्वच्छ किया जाएगा। आधुनिक तकनालजी पर आधारित इस एसटीपी की क्षमता १२.० एमएलडी है, जो रतनूपुरा में बन रहा है। यहां से कनकूरा डिड़ी में बहने वाली क्वारी नदी तक मोटे ह्यूमपाइप बिछाए जाएंगे जिसके जरिए एसटीपी से स्वच्छ किए गए पानी को नदी में पहुंचाया जाएगा। एसटीपी में सीवेज के गंदे पानी को सीपीएचईईओ व सीपीसीबी के नियमानुसार ट्रीटेड किया जाएगा जिसको सिंचाई, गार्डनिंग एवं उद्योगों को भी उपयोग के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना के निर्माण की शुरूआत २०१८ में हुई है। पहले चरण का कार्य अक्टूबर २०१९ तक पूरा होना है।
&सीवर प्रोजेक्ट का निर्माण गुणवत्ता के साथ व अनुबंध की शर्तों के अनुसार नहीं हो रहा। सडक़ें, नाले नालियां व पुलियां खुदी पड़ी हैं, उनका तत्काल रेस्टोरेशन किया जाना चाहिए जो नहीं हो रहा, लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।
आशा रतनचंद जैन, नेता प्रतिपक्ष नपा परिषद भिण्ड

&सीवर प्रोजेक्ट के निर्माण में अनियमितताएं व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भिण्ड नपा की कांग्रेस पार्षद ने इस बाबत शिकायत की है। कलक्टर को टीम गठित कर १५ दिन में जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
आरिफ अकील, केबिनेट मंत्री मप्र एवं प्रभारी मंत्री भिण्ड

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