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भिवाड़ी

गर्मी का पारा बढऩे से बिजली आपूर्ति में हांफ रहे जीएसएस

क्षमता बढ़ाने और नए जीएसएस का निर्माण नहीं हुआ पूरा

भिवाड़ीMay 09, 2024 / 08:12 pm

Dharmendra dixit

भिवाड़ी. गर्मी तेजी से बढ़ रही है और औद्योगिक क्षेत्र स्थित प्रसारण निगम के जीएसएस की क्षमता कम पड़ रही है। साथ ही आरडीएसएस योजना के तहत होने वाले काम भी सुस्त गति से चल रहे हैं। योजना के तहत होने वाले काम उन क्षेत्रों में कराए जा रहे हैं जहां सिस्टम कमजोर है, गर्मी से पहले ये काम हो जाने चाहिए थे लेकिन अभी तक इनमें सिर्फ शुरुआत हुई है। बिलाहेड़ी स्थित 220 केवी जीएसएस पर लंबे समय से अतिरिक्त भार है। गत वर्ष 24 जुलाई को यहां पर एक 160 एमवीए का ट्रांसफार्मर जल गया था। तभी से यहां पर स्वीकृत भार पर काम नहीं हो रहा है। यहां पर एक सौ एमवीए का ट्रांसफार्मर लगाया जाना प्रस्तावित है लेकिन उसमें देरी हो रही है। उद्योग क्षेत्र में गर्मी आते ही विद्युत भार भी बढऩे लगा है। ओवरलोड चल रहे प्रसारण निगम के बिजली तंत्र को मजबूत करने के लिए 100 एमवीए का नया ट्रांसफार्मर लगना है। इसका प्रस्ताव गत वर्ष अक्टूबर में बनाकर भेजा जा चुका है। नए ट्रांसफार्मर के लगने से भार क्षमता में 40 एमवीए की बढ़ोत्तरी होगी। इससे विद्युत भार को विभाजित होने की समस्या खत्म होगी। इसके साथ ही खुशखेड़ा 220 केवी जीएसएस पर वर्तमान में 20/25 एमवीए का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। लगभग पूरी क्षमता पर चल रहा है, गर्मियों में बढऩे वाले विद्युत भार को देखते हुए गत वर्ष नवंबर में ही वितरण निगम के अभियंताओं ने उक्त जीएसएस की क्षमता बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था। वर्तमान में स्थापित पावर ट्रांसफार्मर की जगह 40/50 एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर लगाने। इसी तरह कारोली 132 केवी में स्थापित 20/25 की जगह 40/50 एमवीए का ट्रांसफार्मर लगाने की कार्ययोजना लंबित है।

100 फैक्ट्रियों को प्रतिदिन झेलनी पड़ रही बिजली ट्रिपिंग

आरडीएसएस योजना के तहत उद्योग क्षेत्र में 33 केवी के चार जीएसएस का निर्माण होना है। इनमें से 33 केवी के टॉय जोन जीएसएस का निर्माण फरवरी तक पूरा होना था। निर्माण एजेंसी समय पर काम पूरा नहीं कर सकी है। इसकी वजह से खुशखेड़ा कारोली उद्योग क्षेत्र की सौ फैक्ट्रियों को प्रतिदिन ट्रिपिंग झेलनी पड़ रही है। निर्माण एजेंसी के काम में देरी का खामियाजा उद्यमियों को उठाना पड़ रहा है। खुशखेड़ा स्थित आईए 33/11 केवी जीएसएस पर विद्युत भार अधिक होने से निगम ने आरडीएसएस योजना में टॉय जोन में नया 33 केवी जीएसएस का निर्माण कराया जा रहा है। जीएसएस का निर्माण तीन करोड़ से हो रहा है। आईए जीएसएस से 11 केवी के छह फीडर निकलते हैं जिसमें से तीन फीडर पर विद्युत भार अधिक है। इन तीन फीडर पर करीब सौ फैक्ट्रियों का विद्युत भार है। इसकी वजह से प्रतिदिन ट्रिपिंग होती है। टॉय जोन जीएसएस का निर्माण फरवरी तक पूरा होना था लेकिन काम काफी सुस्त गति से चल रहा है। निर्माण एजेंसी की धीमी गति अभी उद्यमियों को भारी पड़ रही है।

योजना की अभी तक प्रगति

आरडीएसएस योजना के तहत 33 केवी के तीन जीएसएस में से सिर्फ एक का निर्माण पूरा हुआ है। 33 केवी के 26 फीडर को विभाजित करना था जिसमें से सिर्फ दो ही हुए हैं। 40 किमी भूमिगत केबल में से सिर्फ दो किमी ही बिछी है। 118 किमी लाइन में से सिर्फ तीन किमी डाली गई है। 1950 नए खंबे लगने थे इसमें 703 लगे हैं। इसी तरह 11 केवी के 139 फीडर को विभाजित करना था जिसमें एक भी काम पूरा नहीं हुआ है। 200 किमी लाइन में से सिर्फ 25 किमी पूरी हुई है, 45 किमी भूमिगत लाइन का काम नौ किमी पूरा हुआ है। पांच हजार खंबे में से सिर्फ 2600 लगाए गए हैं।

गर्मी में बढ़ते विद्युत भार से उच्चाधिकारियों और प्रसारण निगम को अवगत कराया है। जीएसएस की क्षमता बढ़ाने से ही समस्या का समाधान होगा। इसके लिए गत वर्ष से ही संबंधित विभागों को अवगत कराया है।
एससी महावर, एक्सईएन, वितरण निगम

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