आरडीएसएस योजना के तहत उद्योग क्षेत्र में 33 केवी के चार जीएसएस का निर्माण होना है। इनमें से 33 केवी के टॉय जोन जीएसएस का निर्माण फरवरी तक पूरा होना था। निर्माण एजेंसी समय पर काम पूरा नहीं कर सकी है। इसकी वजह से खुशखेड़ा कारोली उद्योग क्षेत्र की सौ फैक्ट्रियों को प्रतिदिन ट्रिपिंग झेलनी पड़ रही है। निर्माण एजेंसी के काम में देरी का खामियाजा उद्यमियों को उठाना पड़ रहा है। खुशखेड़ा स्थित आईए 33/11 केवी जीएसएस पर विद्युत भार अधिक होने से निगम ने आरडीएसएस योजना में टॉय जोन में नया 33 केवी जीएसएस का निर्माण कराया जा रहा है। जीएसएस का निर्माण तीन करोड़ से हो रहा है। आईए जीएसएस से 11 केवी के छह फीडर निकलते हैं जिसमें से तीन फीडर पर विद्युत भार अधिक है। इन तीन फीडर पर करीब सौ फैक्ट्रियों का विद्युत भार है। इसकी वजह से प्रतिदिन ट्रिपिंग होती है। टॉय जोन जीएसएस का निर्माण फरवरी तक पूरा होना था लेकिन काम काफी सुस्त गति से चल रहा है। निर्माण एजेंसी की धीमी गति अभी उद्यमियों को भारी पड़ रही है।
योजना की अभी तक प्रगतिआरडीएसएस योजना के तहत 33 केवी के तीन जीएसएस में से सिर्फ एक का निर्माण पूरा हुआ है। 33 केवी के 26 फीडर को विभाजित करना था जिसमें से सिर्फ दो ही हुए हैं। 40 किमी भूमिगत केबल में से सिर्फ दो किमी ही बिछी है। 118 किमी लाइन में से सिर्फ तीन किमी डाली गई है। 1950 नए खंबे लगने थे इसमें 703 लगे हैं। इसी तरह 11 केवी के 139 फीडर को विभाजित करना था जिसमें एक भी काम पूरा नहीं हुआ है। 200 किमी लाइन में से सिर्फ 25 किमी पूरी हुई है, 45 किमी भूमिगत लाइन का काम नौ किमी पूरा हुआ है। पांच हजार खंबे में से सिर्फ 2600 लगाए गए हैं।
गर्मी में बढ़ते विद्युत भार से उच्चाधिकारियों और प्रसारण निगम को अवगत कराया है। जीएसएस की क्षमता बढ़ाने से ही समस्या का समाधान होगा। इसके लिए गत वर्ष से ही संबंधित विभागों को अवगत कराया है।एससी महावर, एक्सईएन, वितरण निगम