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भिवाड़ी

करोड़ों की बिजली योजना नहीं दे सकी गर्मियों में राहत

खुशखेड़ा, चौपानकी 33 केवी 31 मई तक नहीं हो सके शुरू

भिवाड़ीJun 08, 2024 / 06:58 pm

Dharmendra dixit

भिवाड़ी. बिजली तंत्र को मजबूत करने, निर्बाध आपूर्ति करने, फॉल्ट एवं ट्रिपिंग की समस्या को दूर करने के लिए इस बार की गर्मियों में आरडीएसएस योजना से उम्मीद थी। गर्मियों का पीक सीजन निकल रहा है, सिस्टम ओवरलोड चल रहा है। फॉल्ट और ट्रिपिंग की समस्या भी चरम पर है लेकिन योजना के काम अभी अधर में ही लटके हुए हैं। सवा सौ करोड़ से होने वाले काम इस बार की गर्मियों में अपना परिणाम नहीं दे सके हैं। कार्यदायी एजेंसी के काम में देरी की वजह से इस बार भी गर्मियों में जनता को मुसीबत ही झेलनी पड़ रही है। कार्यदायी एजेंसी ने 33 केवी जीएसएस खुशखेड़ा और चौपानकी को 31 मई तक पूरा करने का वादा किया था लेकिन तय तिथि निकल जाने के बाद भी मौके पर बहुत कम काम हुआ है।

भिवाड़ी सर्किल की स्थिति
आरडीएसएस योजना के तहत भिवाड़ी सर्किल में 33 केवी के चार जीएसएस में से सिर्फ एक का निर्माण पूरा हुआ है। 33 केवी के 26 फीडर में से दो ही तैयार हुए हैं। 11 केवी के 125 फीडर में से सात पूरे हुए हैं। एचवीडीएस के एक सौ में से कोई भी काम पूरा नहीं हुआ है। वहीं एलटी एबीसी लाइन के 59 काम होने थे जिसमें से सिर्फ नौ पूरे हुए हैं। इस तरह योजना के तहत जो भारी भरकम काम होने थे, जिनसे सिस्टम में बड़ा परिवर्तन लाकर सुधार होना था, वह अभी प्राथमिक स्तर पर ही चल रहे हैं।

1950 नए खंबे लगने थे इसमें से करीब 750 लगे हैं। 200 किमी लाइन में से सिर्फ 30 किमी पूरी हुई है, 45 किमी भूमिगत लाइन का काम 15 किमी पूरा हुआ है। पांच हजार खंबे में से सिर्फ 2800 लगाए गए हैं।

सैकड़ों फैक्ट्री ट्रिपिंग से परेशान

आरडीएसएस योजना के 33 केवी के टॉय जोन जीएसएस का निर्माण फरवरी तक पूरा होना था। निर्माण एजेंसी समय पर काम पूरा नहीं कर सकी है। बाद में निर्माण एजेंसी ने 31 मई तक का समय मांगा लेकिन अभी भी नतीजा सिफर है। इसकी वजह से खुशखेड़ा कारोली उद्योग क्षेत्र की सौ फैक्ट्रियों को प्रतिदिन ट्रिपिंग झेलनी पड़ रही है। निर्माण एजेंसी के काम में देरी का खामियाजा उद्यमियों को उठाना पड़ रहा है। खुशखेड़ा स्थित आईए 33/11 केवी जीएसएस पर विद्युत भार अधिक होने से निगम ने आरडीएसएस योजना में टॉय जोन में नया 33 केवी जीएसएस का निर्माण कराया जा रहा है। जीएसएस का निर्माण तीन करोड़ से हो रहा है। आईए जीएसएस से 11 केवी के छह फीडर निकलते हैं जिसमें से तीन फीडर पर विद्युत भार अधिक है। इन तीन फीडर पर करीब सौ फैक्ट्रियों का विद्युत भार है। इसकी वजह से प्रतिदिन ट्रिपिंग होती है। टॉय जोन जीएसएस का निर्माण फरवरी तक पूरा होना था लेकिन काम काफी सुस्त गति से चल रहा है। निर्माण एजेंसी की धीमी गति अभी उद्यमियों को भारी पड़ रही है।

बिजली तंत्र को सुधारने के लिए जो भी काम कार्यदायी एजेंसी कर रही है, उसके काम की लगातार समीक्षा की जा रही है, जो भी काम हुए हैं और देरी हुई है उससे उच्चाधिकारियों को अवगत करा रहे हैं।
मनोज गंगावत, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम

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