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भिवाड़ी

दस दिन में दूसरी बार जली 220 केवी जीएसएस पर सीटी, गर्मी में चरमराई उद्योग क्षेत्र की बिजली आपूर्ति

क्षेत्र बदलकर करनी पड़ रही बिजली कटौती

भिवाड़ीMay 14, 2024 / 06:56 pm

Dharmendra dixit

भिवाड़ी. उद्योग क्षेत्र में 220 केवी जीएसएस बिलाहेड़ी से बिजली आपूर्ति होती है। जीएसएस पर रखरखाव में बड़ी खामी उजागर हो रही है। दस दिन में दूसरी बार करंट ट्रांसफार्मर (सीटी) खराब हुआ है। इसकी वजह से सैकड़ों फैक्ट्री और घरेलू एवं व्यावसायिक उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

बिलाहेड़ी जीएसएस के 50 एमवीए पावर ट्रांसफार्मर की सीटी में रविवार रात को साढ़े दस बजे आग लग गई। इसकी वजह से जीएसएस पर 50 एमवीए का भार कम हो गया। रात से ही उद्योग क्षेत्र को जाने वाले 33 और 11 केवी के फीडर की लोड शेडिंग होना शुरू हो गई। नीलम चौक 132 से निकलने वाले 11 केवी के सभी फीडर सोमवार सुबह करीब एक घंटे तक बंद रहे। सीटी में आग आंतरिक फॉल्ट और अधिक विद्युत भार की वजह से लग सकती है। सीटी ज्यादा करंट को कम करंट में बदलती है। सीटी जल जाने की वजह से नीलम चौक, फूलबाग, ढावा कॉम्पलैक्स, रामपुर मुंडाना और कहरानी औद्योगिक एवं अवासीय क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की समस्या खड़ी हो गई। लोड शेडिंग की वजह से 350 इंडस्ट्री, 1400 घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ता प्रभावित हुए। इन क्षेत्रों में कभी आधा घंटा तो कभी एक घंटे की आपूर्ति बाधित हुई। रविवार रात को जली सीटी सोमवार को भी कार्यरत नहीं हो सकी। इसको सुचारू करने के लिए प्रसारण निगम ने मंगलवार सुबह छह से साढ़े नौ बजे तक का शटडाउन लिया है। इस दौरान संपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी। करीब 36 घंटे बाद व्यवस्था में सुधार हो सकेगा। इससे पूर्व भी तीन मई को सीटी खराब हुई थी जिसे प्रसारण निगम चार दिन में बदल सका था। प्रसारण निगम के अभियंता क्षेत्र में लोड शेडिंंग की समस्या से इंकार करते रहे, जबकि उद्यमियों को लोड शेडिंग से बड़ी परेशानी हुई। उद्यमी अजीत यादव ने बताया कि रात से अब तक चार बार बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। प्लास्टिक उत्पाद के मामले में एक बार का कट एक घंटे के उत्पादन को प्रभावित करता है।

स्टॉक में नहीं उपकरण

जीएसएस में बार-बार खराबी आ रही है लेकिन खराब उपकरणों को तत्काल बदलने के लिए स्टॉक में पर्याप्त सामान ही नहीं होता है। उपकरण खराब होने पर कभी जयपुर से सामान आता है। तीन मई को सीटी खराब हुई तो शनिवार, रविवार होने की वजह से उपकरण नहीं मिल सके। इसके बाद कार्यालय खुले तो उसमें भी दो दिन लग गए। इस बार सीटी को खुशखेड़ा से मंगाया गया है। अगर प्रसारण निगम के स्टॉक में जरूरी उपकरण उपलब्ध हों तब उपकरण तुरंत बदलकर सैकड़ों उपभोक्ताओं को राहत दी जा सकती थी।

360 मेगावाट की जरूरत

220 केवी जीएसएस पहले ही कम क्षमता पर चल रहा है। पहले इसकी क्षमता 420 एमवीए थी, पिछली साल 160 एमवीए का ट्रांसफार्मर जला उसकी जगह 100 एमवीए का ही लगाया गया है। इसके बाद क्षमता 360 एमवीए रह गई है। 50 एमवीए के ट्रांसफार्मर की सीटी जल जाने से क्षमता 310 रह गई है। जबकि उद्योग क्षेत्र में नियमित एवं निर्बाध आपूर्ति के लिए 360 मेगावाट की जरूरत है।

अत्यधिक विद्युत भार एवं तापमान की वजह से सीटी जल गई। इसको बदल दिया गया है। स्पार्क को ठीक करने के लिए शटडाउन लिया गया है।

केएल गजराज, एसई, प्रसारण निगम

प्रसारण निगम की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। इसके लिए शटडाउन लिया जा रहा है। पूर्व में भी सीटी जलने से आपूर्ति बाधित रही थी। उच्चाधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के लिए सूचित किया गया है।
मनोज गंगावत, एसई, वितरण निगम

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