बस चालकों द्वारा यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर उतारने के बजाय गहरे गड्ढे के पास ही उतारा जा रहा है, जहां कभी भी उनके साथ दुर्घटना घट सकती है, लेकिन इन लापरवाह बस चालकों के साथ जवाबदेह अफसरों को कोई परवाह नहीं है। यह स्थित तब है जब बीते दिनों हादसा हो चुका है इसके बाद भी अधिकारियों के सुस्त में बदलाव होता नहीं दिख रहा। अगर यहां हादसा हुआ तो इसका जवाबदार कौन होगा।
इस सवाल पर आला अधिकारी मौन साधे हुए हैं। मालूम है कि भोपाल-जबलपुर फोरलेन प्रोजेक्ट के अंतर्गत मंडीदीप से औबेदुल्लागंज के बीच बनाई जा रही सड़क निर्माण में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है।
निर्माण कंपनी सीडीएस व एमपीआरडीसी के अधिकारी सुरक्षा इंतजाम को लेकर गंभीर नहीं हैं। हाईवे पर न साइनेज लगाए ना ही बैरियर सिर्फ खानापूर्ति के लिए कुछ प्रबंध किए गए हैं। ठेका कंपनी की इस गंभीर लापरवाही पर महानगरीय बस चालकों की धमाचौकड़ी और जहां सवारी देखी वहीं ब्रेक लगाने की आदत यात्रियों पर कभी भी भारी पड़ सकती है। ऐसे में इन दिनों इस हाईवे से सफर करने वाले यात्रियों की जान सांसत में है। निर्माणधीन हाईवे पर बीते दिनों इंडस टाउन के पास एक घटना घटित हो चुकी है।
जहां मंडीदीप से भोपाल जा रही फीडर बस लापरवाही से चलाने पर पलट गई थी। इस हादसे में 5 महिलाओं को चोट लगी थी। गनीमत यह रही कि बस की स्पीड कम थी, वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। यह हादसा होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं।
चूक हुई तो होंगे हादसे का शिकार
सबसे अधिक चिंता औबेदुल्लागंज टू भोपाल रूट पर चलने वाली बसों में बैठने वाले यात्रियों को होती है। दरअसल, भोपाल से औबेदुल्लागंज जाते समय यात्रियों को इसी खतरनाक गडढे के पास उतारा जाता है, जिससे यहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यात्रियों का कहना है कि यदि बस से उतरते समय किसी यात्री को चक्कर आ जाए या फिर वह अन बैलेंस हो जाए तो वह सीधे गड्ढे में ही जाकर गिरेगा, जिससे उसके साथ कोई अप्रिय घटना भी घट सकती है। लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर बिलकुल भी ध्यान नहीं है।
इस संबंध में आरटीओ और पुलिस को आदेशित करूंगा कि गड्ढे के पास यात्री वाहनों को नहीं रुकने दिया जाए, उन्हें बस स्टैंड पर ही रोकने के लिए कहा जाए। गड्ढे वाले क्षेत्र को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा।
उमा शंकर भार्गव, कलेक्टर रायसेन