केंद्र व राज्य सरकार सोलर एनर्जी को बढ़ावा दे रही है. यह प्रदूषणरहित और सस्ती होती है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी तेजी से काम कर रही है. कंपनी छतों पर सोलर पैनल्स लगाने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं के प्रकरण तेजी से सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ मंजूर कर रही है। अब ऐसे स्थानों की संख्या 4900 हो चुकी है जहां छतों पर लगे पैनल्स से बिजली तैयार हो रही हैं।
छतों का सदुपयोग कर बिजली तैयार करनेवाले उपभोक्ता को अंतर यूनिट का ही बिल दिया जाता है। इन स्थानों पर छतों से तैयार व परिसरों में उपयोग की जा रही बिजली का लेखा जोखा नेट मीटर के माध्यम से रखा जाता है। छतों से बिजली तैयार होने से बिजली बिल 30 से 60 प्रतिशत तक कम हो गए हैं। कंपनी क्षेत्र के सभी 15 जिलों में यह काम चल रहा है. इंदौर शहरी सीमा, सुपर कॉरिडोर, बायपास आदि के साथ उज्जैन जिले में 615, रतलाम जिले में 205, धार जिले में 200 और खरगोन जिले में 154 स्थानों पर छतों पर सोलर पैनल्स के माध्यम से बिजली तैयार की जा रही है।
सस्ता व पर्यावरण हितैषी कदम
मप्रपक्षेविविकं के अधिकारी बताते हैं कि शासन समय-समय पर नेट मीटर सोलर पैनल्स के लिए सब्सिडी मुहैया कराता है। बैंकों से भी इस पर्यावरण हितैषी कार्य के लिए आसानी से बहुत कम दर पर लोन मिल रहा है। इसके साथ ही सोलर पैनल्स सामान्यत: उतनी कीमत की बिजली तीन से चार वर्ष में ही बना देते हैं, जितनी राशि इन सोलर सिस्टम की स्थापना में खर्च होती है।