भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के अंतर्गत पहले चरण में 8 किलोमीटर रेलवे लाइन डालने का काम किया जा रहा है। एम्स से सुभाष नगर तक यह काम चल रहा है. इसके बाद सुभाष नगर से करोंद चौराहा तक करीब सात किलोमीटर की अंडर ग्राउंड लाइन डालने का काम पूरा किया जाएगा। दूसरे चरण में करीब 12 किलोमीटर का रूट बनाने का काम होगा। इसके तहत रत्नागिरी चौराहा से भदभदा तक रेल लाइन डाली जाएगी.
सरकार ने इस रेल प्रोजेक्ट में दो रूटों पर 2024 में मेट्रो संचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा है। इस प्रोजेक्ट के लिए वर्ष 2022 अहम है। इस साल मेट्रो ट्रेन के संचालन एवं रखरखाव से लेकर सिग्नलिंग, ट्रेन नियंत्रण और दूर संचार प्रणाली आदि के लिए टेंडर जारी कर काम शुरु किया जाना है। कोरोना काल में लाकडाउन व रास्ते से अतिक्रमण नहीं हटने की वजह से प्रोजेक्ट का काम काफी पिछड़ गया है।
इसके बाद भी अधिकारियों का दावा है कि 2024 तक मेट्रो का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट में एम्स से सुभाष नगर अंडरब्रिज तक आठ मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। एम्स, अलकापुरी, डीआरएम आफिस, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, डीबी सिटी, एमपी नगर जोन-1, आयकर भवन और सुभाष नगर में अंडरब्रिज भी इसमें शामिल हैं। ये स्टेशन 100 मीटर लंबे और करीब 14 मीटर चौड़े होंगे। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन और डीबी सिटी पर फुटओवर ब्रिज भी बनाए जाएंगे। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को भोपाल मेट्रो से जोड़ा जाएगा।
इस बीच एमपी मेट्रो ने गुलेरमक-कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड को भोपाल मेट्रो का विद्युतीकरण अनुबंध प्रदान कर दिया है। 17 जून को भोपाल मेट्रो के पहले चरण के 750 वी डीसी 3 रेल विद्युतीकरण के लिए यह अनुबंध किया गया है। इस अनुबंध के दायरे में भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के लिए इंजीनियरिंग, आपूर्ति, निर्माण, परीक्षण शामिल किए गए हैं. इसके साथ ही बिजली आपूर्ति प्राप्त करने वाले सब स्टेशन, ट्रैक्शन सब स्टेशन, सहायक सब स्टेशन, 750 वी डीसी 3 रेल और स्काडा सिस्टम भी इसमें शामिल किए गए हैं। इसके लिए मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएमआरसीएल) ने नवंबर 2021 में 516 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ निविदाएं आमंत्रित की थीं.