ए डिस्टेंट रिलेटिव
ए डिस्टेंट रिलेटिव एक हास्य एकांकी है, जिसका मुख्य पात्र पिंटू एक तिकड़मबाज और नाकारा व्यक्ति है जो अभी-अभी जेल से पैरोल पर छूटकर अपनी बहन के घर आ धमकता है। वो भी उस वक्त जबकि उनकी बेटी की शादी एक थोड़े बहुत अमीर नौजवान के साथ ब्याहने की तैयारी में हैं। श्रीमान नहीं चाहते कि पिंटू वहां एक पल भी टिके, लेकिन वो दूसरी मिट्टी का बना है। वहां से जाना तो दूर, वो भांजी और उसके होने वाले मंगेतर को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फंसाता है। अपने आपको ऑस्ट्रेलिया से आया अमीर मामा बताता है और उनकी जमा पूंजी हथियाने की पूरी तैयारी कर लेता है। ऐन मौके पर श्रीमान उसे पुलिस को पकड़वाने की धमकी देकर भगाने में कामयाब हो जाते हैं।
रिफंड
रिफंड एकांकी एक हल्का-फुल्का हास्यप्रद है। वहीं यह किसी भी देश की शिक्षा प्रणाली पर एक करारा व्यंग्य है। मुख्य पात्र वासरकौफ 18 सालों तक ढंग की कोई नौकरी नहीं मिलने से महसूस करता है कि उसकी स्कूल शिक्षा से उसे ऐसा कुछ भी हासिल नहीं हुआ है जो उसे जिंदगी में कहीं ले जा सके। लिहाजा शुरू से आखिरी तक वह स्कूल को दी गई पूरी फीस वापस पाने की कोशिश करता है। स्कूल में वासरकौफ का फिर से इम्तेहान लिया जाता है। वो प्रिंसिपल और टीचर्स को अत्यंत अटपटे और ओच्छे व्यवहार से भड़काता है, उन्हें बेशर्मी की हद तक अपमानित करता है। आसान से आसान सवालों का जवाब भी ऊल-जलूल तरीके से देता है। वो भी उल्टा सीधा। वो फेल होने की हर मुमकिन कोशिश करता है ताकि वापस मिल सके। लेकिन टीचर्स उसके हर अपमान का सहर्ष स्वागत करते हैं, बल्कि उसके हर गलत जवाब को किसी न किसी तरीके से सही साबित कर देते हैं ताकि वो फेल न हो पाए और थोथली व बेमानी शिक्षा की झूठी साख बनी रहे।